धान की बिक्री के लिए किसानों को पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य 

धान की बिक्री के लिए किसानों को पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य 

हराइच : खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में मूल्य समर्थन योजना अन्तर्गत जनपद में 01 नवम्बर 2019 से 28 फरवरी 2020 तक धान की खरीद प्रस्तावित है। धान विक्रय हेतु इच्छुक कृषकों को खाद्य विभाग के पोर्टल डब्लूडब्लूडब्लू डाट एफएससी डाट यूपी डाट जीओवी डाट इन पर पंजीकरण कराना होगा। विभागीय पोर्टल पर 25 जुलाई 2019 से पंजीकरण की सुविधा कृषकों के लिए उपलब्ध है। जिले के इच्छुक किसान अपनी सुविधानुसार किसी भी जन सुविधा केन्द्र व साइबर कैफे के माध्यम से अपना पंजीकरण करा सकते हैं।शासन द्वारा दी गयी व्यवस्था के तहत बिना पंजीकरण के सरकारी क्रय केन्द्रों पर किसानों के धान की खरीद नहीं होगी।


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यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी शम्भु कुमार ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में मूल्य समर्थन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को सी.बी.एस. सुविधा से आच्छादित शाखा में अपना बैंक खाता खुलवाना होगा। ऐसे किसान जिनके द्वारा पूर्व में पंजीयन कराया गया है उन्हें उसका नवीनीकरण कराना होगा। पंजीयन अभिलेख में आवश्यकतानुसार संशोधन अथवा बिना संशोधन किये दोबारा लाक करना होगा। पंजीयन के समय किसानों को अपनी खतौनी का खाता नम्बर, कुल खाते का एवं बोए गये रक्बे को भी अंकित करना होगा।


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मूल्य समर्थन योजना अन्तर्गत धान खरीद हेतु पंजीकरण की अपरिहार्यता को मद्देनज़र रखते हुए जिलाधिकारी शम्भु कुमार ने समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि शासनादेश में दी गयी व्यवस्था के अनुसार किसानों का नवीन पंजीयन/पूर्व पंजीयन का नवीनीकरण कराने के लिए एस.एम.एस., बैनर, पोस्टर व अन्य माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार करायें ताकि सभी इच्छुक कृषक अपना पंजीकरण करा सकें।जिलाधिकारी श्री कुमार ने यह भी बताया कि जिला खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 हेतु कृषक पंजीकरण की संख्या में वृद्धि के लिए समस्त क्षेत्रीय विपणन अधिकारियों एवं विपणन निरीक्षकों को किसानों का नवीन पंजीयन/पूर्व पंजीयन का नवीनीकरण कराने के लिए लक्ष्य भी आवंटित कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में समस्त एसडीएम को निर्देशित किया गया है कि अपने स्तर पर नियमित रूप से पंजीकरण कार्य की समीक्षा करते हुए अधीनस्थ क्षेत्रीय विपणन अधिकारियों एवं विपणन निरीक्षकों, मण्डी समिति, सहकारिता व राजस्व कर्मियों को कृषक पंजीकरण में वृद्धि के लिए निर्देशित करते रहें।


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