लेखपाल की मिलीभगत से अम्बेडकर नगर में 90 वर्ष के बुजुर्ग की जमीन पर दबंगों ने किया कब्जा
लखनऊ 26 जुलाई 2022: जनपद अंबेडकर नगर में एक दबंग लेखपाल उपजिलाधिकारी का आदेश नहीं मानता। दो बार उपजिलाधिकारी जलालपुर के मौखिक व एक बार लिखित आदेश दिए जाने के बाद भी यह लेखपाल अपनी ही मनमानी करता है। इस लेखपाल पर 90 वर्षीय बुजुर्ग ने कई आरोप लगाए हैं।
न्याय के लिए तहसील के चक्कर काट रहा 90 वर्षीय बुजुर्ग
मामला जलालपुर तहसील के ग्राम गारोपुर, भियांव का है। जहां पीड़ित परसू पुत्र सहदेव के पट्टे की जमीन पर दबंगों ने बीते बीस वर्ष से अवैध कब्जा कर रखा है। जिला अधिकारी के सख्त आदेश के बाद वर्ष 2010 में पीड़ित के पट्टे की भूमि की पैमाइश कराई गई थी। पर आर्थिक दशा ठीक न होने के कारण पीड़ित पट्टे की पूरी भूमि पर कब्जा नहीं कर सका। नतीजा यह हुआ की विपक्ष (दबंगों) ने पट्टे की उस बची भूमि पर कब्जा कर लिया। पीड़ित के परिजन को धमकाते हुए यह कब्जा दबंगों ने गैरकानूनी तरीके से किया। वृद्ध अवस्था में (90 वर्ष) परसू अपने पुत्र राजबली शर्मा के साथ न्याय पाने के लिए तहसील के कई महीनों से चक्कर काट रहा है। विपक्ष के प्रभाव में आकर लेखपाल और कानूनगो पैमाइश करने नही जाते हैं।
एसडीएम के आदेश के बावजूद क्षेत्रीय लेखपाल कन्हैया लाल पांडे विपक्ष के बहकावे या प्रलोभन में आकार पीड़ित पक्ष के जमीन की पैमाइश नहीं कर रहा है। आरोप है कि कई बार उपजिलाधिकारी जलालपुर द्वारा लेखपाल को आदेश दिया गया, लेकिन लेखपाल कन्हैया लाल विपक्षी के प्रभाव के कारण पैमाइश करने नहीं आते है।
जिला अधिकारी तक पहुंचा मामला
जिलाधिकारी सैमुअल पाल एन से मिलकर पीड़ित परसू ने बताया कि “उसका 1990 में गाटा संख्या 483 में 0.081 हेक्टेयर और 482 में 0.063 हेक्टेयर का पट्टा हुआ था। आर्थिक स्थित ठीक न होने के कारण पूरे जमीन पर कब्जा नही कर पाए। पट्टे की भूमि की पैमाइश के लिए तीन बार उन्होने उपजिलाधिकारी जलालपुर को प्रार्थना पत्र देकर पैमाइश की मांग किया, लेकिन विपक्ष के प्रभाव में आकर लेखपाल और कानूनगो पैमाइश करने नही जाते है, जिससे पीड़ित को उसका जमीन नही मिल पा रहा है।“ जिला अधिकारी ने पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने का विश्वास दिया।
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