भारत सरकार के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा सड़क दुर्घटनाओं से सम्बन्धित आईआरएडी मोबाइल एप लांच किया गया है जो पुलिस और परिवहन विभाग के समन्वय से संचालित किया जा रहा है। इस मोबाइल एप पर दुर्घटना की दशा में मौके पर जाकर दुर्घटना का विवरण, दुर्घटना से सम्बन्धित फोटो, वीडियो व अन्य विवरण अपलोड किया जाना है। जनपद में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र कलेक्ट्रेट बुलन्दशहर के तकनीकी सहयोग से एप का संचालन किया जा रहा है। विगत तीन दिवसों में एन०आई०सी० द्वारा जनपद में सातों सर्किल क्षेत्रों के अधीन सभी 26 थानों के थाना प्रभारियों व फील्ड ऑफिसर्स की लाइव एप की यूजर आई०डी० सृजित करायी गयी व साथ ही एप में डाटा एंट्री करने का प्रशिक्षण भी दिया गया। इस प्रशिक्षण के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु को रोकने के लिए मिनिस्ट्री आफ रोड ट्रांसपोर्ट एण्ड हाईवे ने वल्र्ड बैंक के सहयोग से इस महत्वपूर्ण एप को एन०आई०सी० भारत सरकार के वैज्ञानिकों द्वारा डिजाईन एवं विकसित कराया गया है ताकि सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके एवं जनहानि को रोका जा सकें। भविष्य में इस एप के माध्यम से प्राप्त किये गये डाटा को इण्डियन इन्स्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी मद्रास द्वारा डाटा एनालिटिकल टेक्नीक के माध्यम से दुर्घटना के मुख्य कारणों को पता लगाने का प्रयास किया जायेगा, जिससे सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।
यह महत्वपूर्ण कार्य अपर पुलिस अधीक्षक नगर/ नोडल अधिकारी यातायात सुरेन्द्र नाथ तिवारी के कुशल, सक्रिय एवं प्रभावी सहयोग से संपन्न कराया जा रहा है एवं इसमे एनआईसी के तकनीकी निदेशक एम०पी० सिंह, अपर जिला सूचना विज्ञान अधिकारी मयंक गोयल, परिवहन विभाग से एआरटीओ(ई) राजीव कुमार बंसल, आईआरएडी प्रोजेक्ट के डिस्ट्रिक रोलआउट मैनेजर कीर्ति चन्द सुमन, रोहित हेड कांस्टेबल ट्रैफिक व अन्य सभी सम्बन्धितों की कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सराहनीय एवं सक्रिय भूमिका निरंतर निभायी जा रही है।
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