उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की अधिसूचना मार्च के दूसरे हफ्ते में किसी भी दिन जारी हो सकती है। निर्वाचन आयोग की इसकी तैयारी में जुट गया है। 30 अप्रैल तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने के हाईकोर्ट के निर्देश के मद्देनज़र आयोग 42 से 45 दिनों में पूरी चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न करने की तैयारी में जुटा है। हाईकोर्ट के आदेश के तहत राज्य सरकार को 17 मार्च तक सीटों का आरक्षण का काम भी पूरा कर लेना है।
गौरतलब है कि मई 2021 तक चुनाव कराने की आयोग की मांग इलाहाबाद हाईकोर्ट अस्वीकार कर चुका है। न्यायमूर्ति एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति आरआर अग्रवाल की खंडपीठ ने विनोद उपाध्याय की याचिका को निस्तारित करते हुए आदेश दिया कि 30 अप्रैल तक चुनाव करा लिए जाएं। लिहाजा अब आयोग को 42 से 45 दिनों में ही चुनाव प्रक्रिया पूरी करनी होगी। सूत्रों का कहना है कि तैयारी 18 मार्च को अधिसूचना जारी करने की है। नियत समय पर प्रक्रिया पूरी करने के मकसद से आयोग प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के लिए एक साथ मतदान कराने पर विचार कर रहा है। इस पर भी विचार हो रहा है कि चुनाव चार चरणों कराए जाएं। इन चरणों में प्रदेश के अलग-अलग 18 मंडलों के जिलों को बांटकर चुनाव कराया जाएगा या हर जिले के अंदर ही चार अलग-अलग क्षेत्र बनाकर चुनाव सम्पन्न कराए जाएं इस पर भी विचार हो रहा है। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कायदे से पिछले साल 28 दिसम्बर से पहले हो जाने चाहिए थे लेकिन कोरोना की वजह से इसमें देरी हुई लेकिन गुरुवार को हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब इसमें और देरी की गुंजाइश नहीं रह गई है। आयोग को 30 अप्रैल तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी करनी ही है।
पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य निर्वाचन आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने कहा था कि आयोग, हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा में चुनाव कराने के लिए तैयार है। तैयारियों का ब्यौरा देते हुए उन्होंने बताया था कि मतदाता सूची प्रकाशित हो चुकी है।
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