कासगंज। जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में प्रधानमंत्री कृाि सिंचाई योजना-पर ड्राॅप मोर क्राॅप-माइक्रो इरीगेशन की जिला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुये कहा कि जिस विकास खण्ड में जिस सिंचाई प्रणाली की आवश्यकता है, उसी प्रणाली से सिंचाई कराई जाये। अधिक से अधिक बागवानी कृाकों को पर ड्राॅप मोर क्राॅप प्रणाली से लाभांवित किया जाये। जनप्रतिनिधियों और जनसामान्य से संपर्क बनाये रखा जाये। बागवानी कृाकों का प्रशिक्षण कराकर उन्हें इस योजना की विस्तार से जानकारी दी जाये। मुख्य विकास अधिकारी तेज प्रताप मिश्र ने बैठक में बताया कि र्वाा कम होने एवं भूमिजल के अति दोहन के कारण विकासखण्ड सोरों, कासगंज एवं सहावर क्रिटिकल श्रेणी में आ गये हैं। यदि इसी तरह अधोभूमि जल का दोहन होता रहा तो पेयजल एवं फसलों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध होने में बहुत समस्या होगी। पुरानी सिंचाई पद्वति में पानी का लगभग 50 से 70 प्रतिशत भाग फसल के उपयोग में नहीं आता है। फसलों को आवश्यकतानुसार संतुलित मात्रा में पानी उपलब्ध कराने के लिये, पर ड्राॅप मोर क्राॅप-माइक्रो इरीगेशन योजना संचालित की जा रही है। जिसके तहत लघु एवं सीमांत श्रेणी के कृाकों को निर्धारित लागत का 90 प्रतिशत तथा अन्य श्रेणी के कृाकों को 80 प्रतिशत अनुदान डीबीटी के माध्यम से देने का प्राविधान है। शासन के निर्देशानुसार कृाकों को सर्वप्रथम कृाक पारदर्शी योजना के तहत अपना पंजीकरण कराना होगा। चयनित कृाकों को सिंचाई पद्वति की स्थापना स्वयं करनी होगी। स्थलीय सत्यापन के बाद जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय द्वारा अनुदान की धनराशि कृाक के बैंक खाते में भेज दी जायेगी। ड्रिप/स्प्रिंकलर पद्वति के द्वारा पानी केवल पौधों की जड़ों में जाता है, जिससे मेंड़ और नालियां बनाने की जरूरत नहीं है। फसल की पैदावर बढ़ती है। ऊंची नीची जमीन में पौधों की सिंचाई संभव है। शासन द्वारा पर ड्राॅप मोर क्राॅप योजना के तहत ड्रिप सिंचाई पद्वति एवं स्प्रिंकलर सिंचाई पद्वति तथा कृाक प्रशिक्षण हेतु लक्ष्य निर्धारित कर दिये गये हैं। बैठक में पीडी डीआरडीए, जिला विकास अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, अधिशााी अभियंता सिंचाई, जिला कृाि अधिकारी, लघु सिंचाई सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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