लखीमपुर खीरी:खीरी के प्रगतिशील किसान दलजिंदर सिंह ने वर्टिकल सिंगल बड की तकनीक से ना केवल रिकॉर्ड गन्ना उत्पादन किया। बल्कि सहफसली खेती कर अपनी आय को भी दूना किया।
किसान दलजिंदर बताते हैं कि जिला प्रशासन व गन्ना विभाग के शीर्ष अधिकारियों के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में उन्होंने वर्टिकल सिंगल बड तकनीक के माध्यम से शीड रेट को कम होने के साथ ही लेबर कॉस्टिंग व सिंचाई में काफी बचत होती है। इस तकनीक को अपनाकर बीज की बचत करने के साथ ही सिंचाई हेतु करीब 75 प्रतिशत कम पानी का उपयोग किया। वही 50 प्रतिशत लेबर की भी बचत हुई। यह तकनीकी इंटर क्रॉपिंग के लिए बहुत ही बेहतर है। खेत की मेड़ पर गन्ने की बीज की बुवाई की और बचे हुए खेत में इंटरक्रॉप फसल की बुवाई का अच्छा परिणाम प्राप्त होता है।
दलजिंदर बताते हैं कि कृषि के क्षेत्र में सरकार की किसान परक योजनाएं मील का पत्थर साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि किसान आधुनिक तकनीकी व सरकारी विभागों के समन्वय कर योजनाओं से आच्छादित व लाभान्वित होकर ना केवल अपनी उपज में वृद्धि कर सकता बल्कि कृषि को अपनी आजीविका का सबसे बड़ा साधन बना सकता है।
उन्होंने बताया कि पहले वह सिर्फ गन्ने का उत्पादन करते थे और वह फिर इस विधि को अपनाकर सहफसली खेती करते हुए अपनी इनपुट कास्ट को न केवल आधा किया बल्कि अपनी आय को दोगुना किया। उसने बताया कि सहफसली खेती से वह उत्पादन लागत निकालते हुए मुख्य फसल को लाभ के रूप में प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया कि उनकी फसल को देखने हेतु आसपास के किसान के साथ ही जिला गन्ना अधिकारी बृजेश कुमार पटेल व मुख्य रूप से जिला अधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह भी आ चुके हैं।
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