ब्यूरो कार्यालय (कानपुर):कानपुर की नर्वल तहसील अंतर्गत खनन माफिया पिछले कई सालों से अवैध खनन का "खेल" धड़ल्ले से कर रहे हैं। अवैध खनन में सबसे खास बात यह है कि ज्यादातर सरकारी जमीन पर ही अवैध खनन किया गया है। इसके बाद भी खनन माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। चारागाह समेत झरने तक की जमीन को खनन माफियाओं ने नहीं छोड़ा।
नर्वल तहसील अंतर्गत जब पड़ताल की गई तो आंकड़े सामने आए कि पिछले कुछ महीने में पिपरगवां की आराजी संख्या 1404 में 10 बीघा चारागाह की जमीन पर अवैध खनन किया गया। इसी तरह से बुधेड़ा गांव की आराजी संख्या 405 (ग) में एक बीघा, जरकला में 491 (ग) में चारागाह की 5 बीघा जमीन, 438, 439 में चारागाह की 17 बीघा समेत 90 बीघा जमीन पर अवैध खनन किया गया। इसके बलावा सरसौल की आराजी संख्या 1104 व सुभौली की चारागाह की जमीन में अवैध खनन हुआ।
खनन माफियाओं ने ऊसर जमीन तक को नहीं छोड़ा। जिसमें बेनीपुरवा गांव की आराजी संख्या 1301 (ग) में 16 बीघा, 1308 (ख) में ढाई बीघा, 1304 (ग) में 9.5 बीघा, बुधेड़ा गांव में 18 (ग) में दो बीघा, 22 (ख) में तीन बीघा, कुम्हऊपुर गांव में आराजी संख्या 292 (क) 10 बीघा, 395 (ख) में ढाई बीघा और 428 (ख) में 4 बीघा में अवैध रूप से खनन किया गया है, लेकिन इसके बाद भी खनन माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
इससे पहले भी तहसील अंतर्गत नारायणपुर गांव, रहनस गांव, नागापुर समेत आदि में भी चारागाह के अलावा झरने तक की जमीन में खनन कर उसे बेचा गया है।
मामले में एसडीएम नर्वल रिजवाना शाहिद ने बताया कि सरकारी जमीनों में अवैध खनन की जांच की जा रही है। जहां पर खनन किया गया है। वहां पर मामला भी दर्ज कराया गया है। यदि किसी कर्मचारी या अधिकारी की संलिप्तता भी पाई जाती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी।
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