ब्यूरो कार्यालय (कानपुर): 36 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों के दौरान अर्मापुर, नौबस्ता से पलायन कर चुके पीड़ित परिवारों के बयान लेने के लिए एसआइटी की टीम पंजाब के लुधियाना पहुंची है। वहां एक गुरुद्वारा कमेटी के सहयोग से पीड़ितों से आज बात होगी। पीड़ित परिवारों को कानपुर बुलाकर कोर्ट में बयान कराए जाएंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में दंगे हुए थे। कानपुर के अर्मापुर एस्टेट में दो और ओएफसी गेट पर तीन कर्मचारियों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। नौबस्ता थाना क्षेत्र के किदवईनगर के ब्लॉक में भी एक परिवार के दो सदस्यों की हत्या हुई थी।
दंगों में किसी तरह जान बचाने के बाद तमाम पीड़ित परिवार कानपुर से पलायन कर पंजाब के लुधियाना, जालंधर, चंडीगढ़, मोहाली, पटियाला आदि शहरों में बस गए हैं।
कुछ परिवारों से अधिकारियों की फोन पर बात हुई थी। इसके बाद अनुमति मिलने के बाद बुधवार देर रात पांच सदस्यीय टीम लुधियाना पहुंची है।
एसआइटी के एसपी बालेन्दु भूषण के मुताबिक पीड़ितों के बयानों के आधार पर तीनो मुकदमों में विवेचना आगे बढ़ेगी। वारदात में शामिल रहे आरोपितों के नाम भी सामने आएंगे। टीम करीब सात दिन में पंजाब के विभिन्न शहरों में जाकर सभी पीड़ितों के बयान लेगी।
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