ब्यूरो कार्यालय (कानपुर):मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिकरू कांड के मुख्य आरोपी रहे गैंगस्टर विकास दुबे और उसके करीबी गुर्गों की 147 करोड़ के संपत्तियों की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने का फैसला लिया है। ईडी विकास दुबे से जुड़े लोगों की आय के विभिन्न स्रोतों की जांच भी करेगी।
उल्लेखनीय है कि 2/3 जुलाई की रात बिकरू गांव में हुए इस जघन्य कांड में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिस कर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
बहुचर्चित कांड के तत्काल बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। एसआइटी ने शासन को मामले की रिपोर्ट सौंपने के साथ विकास दुबे की 147 करोड़ रुपये की संपत्ति की ईडी से जांच की सिफारिश की थी। जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी की अगुवाई में गठित तीन सदस्यीय एसआईटी ने गैंगस्टर विकास दुबे की अवैध तरीके से अर्जित की गई 147 करोड़ रुपये की संपत्ति की ईडी से जांच कराए जाने की सिफारिश की थी।
एसआईटी ने पिछले महीने की शुरुआत में सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। अपनी जांच रिपोर्ट में एसआईटी ने यह भी कहा था कि विकास दुबे और उसके फाइनेंसर सहित उससे जुड़े सभी अपराधियों के आय के स्रोत की जांच कराई जानी चाहिए।
गौरतलब है कि 2/3 जुलाई 2020 की मध्यरात्रि में कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस टीम पर गैंगस्टर और उसके गुर्गों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं। जिसमें सीओ और एक एसओ समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद गए थे। कांड में पांच पुलिस कर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक भी घायल हुए थे। मुख्य आरोपी विकास दुबे 10 जुलाई 2020 को उज्जैन से कानपुर लाए जाने के दौरान एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था।
इससे पहले पुलिस और एसटीएफ ने विकास दुबे के पांच गुर्गों को अलग-अलग जगहों पर हुए एनकाउंटर के दौरान मार गिराता था। विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई समेत करीब तीन दर्जन आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
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