विशेश्वरगंज(बहराइच)। भारत सरकार की सबसे महात्वाकांक्षी योजना 'स्वच्छ भारत मिशन' के तहत गरीब कल्याण योजनान्तर्गत अंतर्गत बनाये जा रहे सामुदायिक शौचालयों के निर्माण में मानक की धज्जियां उड़ाई जा रही है। ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत से निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। जबकि सूबे के मुख्यमंत्री से लेकर जिले के आलाधिकारी ने बैठकों के माध्यम से आदेश पारित करके सभी ग्राम पंचायतों के संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को समय समय पर दिशानिर्देश देते रहे है कि शौचालय निर्माण में लापरवाही बरतने वाले पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन बेखौफ ग्राम पंचायत सचिव व प्रधान अपनी आदत से बाज नहीं आ रहें है। मामला जनपद के विकास खण्ड विशेश्वरगंज अंतर्गत ग्रामपंचायत गेंधरिया में हो रहे सामुदायिक शौचालय निर्माण का है जहाँ पर जमकर घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है।निर्माण में जमकर सफेद रेत व पीले ईंट का प्रयोग किया गया है।वही छत भी मानक के अनुसार नही ढाली गयी है।इस संबंध में ग्रामपंचायत सचिव अमृतांसु सिंह ने इस बारे में अपनी अनिभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि बारह गांव का चार्ज हमारे पास है बैठ कर थोड़ी बनवा पाऊंगा।उसके बाद सचिव ने किसी के पास फोन मिलाया उधर से आये हुए ब्यक्ति ने अपना नाम अंसार बताते हुए कहा कि आप को जो छापना हो छापिए कहते हुए चला गया।सचिव अमृतांसु ने बाद में अपनी बात को दुहराते हुए बोले कि अगर छत मानक विहीन है तो जांच उपरांत गिराकर दुबारा बनाई जाएगी।वही इस संबंध में बीडीओ विशेश्वरगंज के सीयूजी नंबर पर फोनकर जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नही समझा।इस संबंध में जब सीडीओ कविता बुजेटा से बात करने की कोसिस की गई तो पहले उनके सीयूजी नंबर को किसी उनके मातहत कर्मचारी ने उठाया फिर सीडीओ महोदया से बात कराई शौचालय में हो रहे अनियमितता के सवाल सवाल पर कहा कि आप ने क्या छत का माप लिया था?अगर नही तो आप कैसे मानक विहीन कह सकते है?आप पहले शिकायती पत्र दे फिर कार्यवाई पर सवाल करें।ऐसे में बड़ा सवाल की क्या जिले पर बैठे जिम्मेदार अधिकारी पत्रकारों को पक्षकार बनाना चाहते है या जिले में हो रहे भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहें है।
0 टिप्पणियाँ