मितौली खीरी:रानी चन्द्र कुंवारी की जन्मस्थली कचियानी गांव में सात दिवसीय श्रीमदभागवत पुराण कथा का आयोजन फौजी अमित कुमार सिंह के द्वारा कराया जा रहा है जिसके तहत छठे दिन परम् विद्वान आचार्य पण्डित श्री गिरधारी लाल के मुखार बिंदु से बड़े ही मार्मिक ढंग से रामचरित मानस के अंतर्गत मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का चरित्र चित्रण सुनाया जा रहा है। एक बार गुरु विस्वामित्र यज्ञ कर रहे थे उस समय राक्षसों का बड़ा ही आतंक था इस लिए गुरु विस्वामित्र सोंचते है कि हम जिनके लिए यज्ञ कर रहे हैं क्यों न उन्हीं को बुलाया जाए ।इस लिए अयोध्या नरेश महा राजा दशरथ जी के पास गए और उन्होंने ने अपने साथ श्री राम व लक्ष्मण को ले जाने के लिए कहा।और वह अपने साथ लेकर चल दिये। धीरे धीरे जनक पुर पहुंच कर सीता स्वयम्बर होता है तथा सीता स्वयंवर के बाद मुनि अगस्त के आश्रम पहुंचते हैं। मुनि अगस्त को राक्षसों द्वारा प्रताड़ित किया जाता था जिसके चलते मुनि ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम लक्ष्मण सीता सहित उनकी मदद के लिए खड़े हो जाते हैं। और आगे चलकर खर दूषण त्रिशिरा सहित उनकी बहन शूर्पणखा आदि रहते थे। रास्ते मे शूर्पणखा भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम को देख कर सुंदरी का रूप बनाकर उनसे विवाह का प्रस्ताव रखती है श्री राम अपने अनुज शेषावतार भाई लक्ष्मण की तरफ इशारा करते हैं । वह क्वांरे हैं और आप से विवाह कर लेंगे । लेकिन उन्होंने अपने बड़े भाई की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उन्हीं के साथ आपका विवाह संभव है लेकिन उन्होंने बताया कि हमारा विवाह राजा जनक की पुत्री सीता के साथ हो चुका है । सूर्पणखा सीता जी को खाने के लिए छपटती है ।तब तक लक्ष्मण जी उसकी भावना को भाप लेते हैं और उस राक्षसी की नाक कान काट कर भेज देते हैं। वह सीधे अपने भाई रावण के पास जाती है और कहती है मेरी नाक गई सो गई पर आपनी नाक सम्भालो तुम यह कहकर रावण को युद्ध के लिए प्रोत्साहित करती है रावण भागकर मामा मारीच के पास जाता है और कहता है कि तुम मायामृग बन जाओ मैं बाबा जी बन जाता हूं। और सीता जी को हरकर अपने यहां रखूंगा और अपनी बहन के नाक कान का बदला उनकी नारी को हर कर चुकाऊंगा मामा मारीच मना करता है लेकिन रावण के कहने के आगे वह सोने का हिरन बनकर जाता है और तब तक रावण साधु के वेष में छल कपट से सीता को हर लाता है । इस प्रकार बड़े ही मार्मिक ढंग से कत्था सुनाई जा रही है। आज साम को श्री खाटू स्याम का जगराता व झांकिया वृन्दावन से आये हुए कलाकारों द्वारा बड़े ही मार्मिक ढंग से दिखाई जाएं गी ।
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