श्रावस्ती। जगह जगह चेकिंग अभियान लगाकर आम आदमी को कोविड-19 का पाठ पढ़ाने वाले तथा कोविड नियमों का उलंघन करने वाले जनता से जूर्माने के रुप में मोटी रकम वसूलने वाले इकौना तहसील प्रशासन के अधीनस्थ हीं कोविड नियमों की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। जो चिराग तले अंधेरा की कहावत को चरितार्थ कर रहा है। ताजा मामला इकौना तहसील के आपूर्ति निरीक्षक कार्यालय कार्यालय का है, जहां पर न तो सामाजिक दूरी का पालन किया जा रहा है और न हीं मास्क का प्रयोग। हद तो तब हो जाती है जब क्षेत्रिय खाद्य सुरक्षा अधिकारी नरेन्द्र कुमार यादव खुद दर्जनों लोगों से घिरे होने के बावजूद बिना मास्क के बैठे नजर आते हैं। ऐसे में सवाल यही उठता है कि दूसरों को नियमों का पाठ पढ़ाने वाले तहसील के अधिकारीगण कब नियमों का पालन करना सीखेंगे। इतना हीं नहीं उक्त कार्यालय में फरियाद लेकर गए जनता का समाधान खुद न करके तहसील के बाहर स्थित कम्प्यूटर की दुकानों पर भेजा जाता है। जहां पर जनता की जेबों को काटने में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। दरअसल पिछले कुछ दिनों में बहुत सारे राशन कार्ड से लाभार्थियों के सदस्यों का नाम कट गया है। जिसे सही कराने के लिए पीड़ित लोग क्षेत्रिय खाद्य सुरक्षा अधिकारी के कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। मगर इन पीड़ितों के समस्याओं का त्वरित समाधान करने के बजाय क्षेत्रिय खाद्य सुरक्षा अधिकारी नरेन्द्र कुमार यादव द्वारा तहसील के बाहर स्थित कम्प्यूटर की दुकानों से ऑनलाइन करवा कर प्रिंट आउट लाने को कहा जाता है। तहसील के बाहर स्थित कम्प्यूटर की दुकानों पर सिर्फ सदस्यों के नाम बढ़ाने के नाम पर पचास से एक सौ रुपए तक की वसूली की जा रही है। जबकि गरीबों के कार्यों के लिए सरकार ने इन सभी कार्यालयों में कम्प्यूटर एवं ऑपरेटर की तैनाती की है। फिर भी पीड़ितों को सरकार के मंशा अनुरूप सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। इस सन्दर्भ में खाद्य सुरक्षा अधिकारी नरेन्द्र कुमार यादव का कहना है कि हमारे पास सिर्फ एक ऑपरेटर है जो विभागीय काम कर रहा है।
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