अपने मनोरम घुमावदार मोड़ों के लिए प्रसिद्ध वनाच्छादित केशकाल घाट के दोनों किनारों को और भी मनोहारी बनाने के लिए उत्तर वनमंडल केशकाल के द्वारा विभिन्न शासकीय मदों के माध्यम से कार्ययोजना का क्रियान्वयन युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। इसके तहत् केशकाल के सभी घुमावदार मोड़ के दोनों ओर के किनारों पर विभिन्न प्रजातियों के फूलदार पेड़ों और पौधों का रोपण किया जाएगा, ताकि ‘फूलों की घाटी‘ के रूप में इसकी प्रसिद्धि वर्ष भर आगंतुकों को लुभाती रहे और तो और इन सभी मोड़ का नामकरण संबंधित फूलदार पौधों के आधार पर भी होगा।
ज्ञात हो कि उत्तर वनमंडल केशकाल के द्वारा कैम्पामद के तहत् बनाई गई कार्ययोजना में इस घाट में प्रत्येक सीजन अनुसार खिलने वाले फूलदार पौधों यथा अमलतास, जारूल, सेमल, पलाश, गुलाब, रगतुरा, आकाशनेम का रोपण किया जाएगा और यह रोपण रोड़ के दोनों किनारों पर स्थित लगभग 01 किलोमीटर क्षेत्र में होगा। इस क्रम में दिनांक 31.10.2020 को कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा केशकाल वनमंडल में किये जा रहे इस रोपण का निरीक्षण कर जानकारी ली गई और इसे शीघ्र-अतिशीघ्र क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए गये।
घाटी की तलहटी में है औषधियुक्त पौधों की बहुलता
यू ंतो केशकाल घाटी की तलहटियों में शाल, सागौन, साजा, आंवला जैसी वनसंपदा के अलावा औषधियुक्त पौधें भी प्रचूर मात्रा में उपलब्ध ह,ैं जो कमोवेश लोगों की निगाहों से दूर हैं। अतः वनविभाग द्वारा घाट की वनसंपदाओं के सरंक्षण, संवर्धन हेतु इसकी वनीय तलहटी के 250 हेक्टेयर भूमि में 50 हजार शतावर और 01 लाख गिलोए के पौधें भी रोपित किये गये हैं और यह सभी पौधें यहां की प्राकृतिक वन वातावरण में पनपने के लिए अनुकूल हैं। इस संबंध में विभाग का उद्देश्य यह है कि इस वनारोपण से यह क्षेत्र औषधीय पौधों के अनुकूल एक वृहत् क्षेत्र के रूप में उभरेगा साथ ही यहां के वन संसाधनों के न्यायसंगत दोहन में मदद मिलेगी और अंत में कुल मिलाकर स्थानीय समूदाय के सामाजिक, आर्थिक हितों को भी बढ़ावा मिलेगा। चूंकि औषधीय पौधों का रोपण नरेगा मद से किया जा रहा है और लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना भी इसका सुखद पहलू है।
टाटामारी पर्यटन केन्द्र का भी कलेक्टर ने लिया जायजा
ठसके साथ ही कलेक्टर ने मौके पर प्रसिद्ध टाटामारी पर्यावरण चेतना केन्द्र का भी अवलोकन किया। टाटामारी क्षेत्र में वनविभाग द्वारा 150 एकड़ क्षेत्र में ग्राॅसलैण्ड विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा यहां पर घाटी के विहंगम दृश्य के अवलोकन हेतु वाॅच टावर, काॅटेज, शयन शाला का भी निर्माण किया गया है। विभाग द्वारा इस संबंध में जानकारी दी गई कि टाटामारी के संपूर्ण घासयुक्त पठारी क्षेत्र को पत्थर की दिवारों से फैंसिंग करने की भी योजना है, ताकि पर्यटक यहां कभी कभार दिखने वाले वन्य प्राणियों को प्राकृतिक वातावरण में देख सकें साथ ही यहां ट्रेकिंग, आर्चरी सहित अन्य एडवेंचर स्पोर्टस गतिविधियों की भी व्यवस्था की जा रही है। जिससे पर्यटक अधिक से अधिक आकर्षित होंगे। अपने निरीक्षण दौरे के क्रम में कलेक्टर यहां के अन्य पर्यटन स्थल कुएंमारी भी पहुंचे। जहां वनविभाग द्वारा इस पठारी क्षेत्र के गिरगोली ग्राम में 44 ग्रामीण परिवारों को काजू प्लांटेशन के तहत् पौधे वितरित किये गये थे। इस दौरान कलेक्टर गिरगोली ग्राम के ग्रामीणों से रूबरू भी हुए और उन्हें वन संरक्षण हेतु विभाग से समन्वय करने का आग्रह किया। ग्रामीणों ने मौके पर कलेक्टर से सीसी रोड़ निर्माण (ग्राम ढोलकुड़म से गिरगोली 04 किमी, ग्राम गिरगोली से बावनमारी 02 किमी) की मांग भी की, जिसे कलेक्टर ने तत्काल स्वीकृत किया। इस अवसर पर वनमंडलाधिकारी केशकाल श्री धम्मशील गणवीर, जिला पंचायत सीईओ डीएन कश्यप, अनुविभागीय अधिकारी केशकाल डीडी मण्डावी, अनुविभागी अधिकारी वन सुश्री मोना महेश्वरी, सीईओ जनपद पंचायत बीएन नाग सहित अन्य विभागीय कर्मचारी उपस्थित थे।
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