करनैलगंज, गोण्डा। कुछ माह पूर्व पूरे विश्व में खौफ पैदा करने वाले कोरोना महामारी की रफ्तार अब काफी कम हो गयी है जिससे उसका खौफ भी अब लोगों में नहीं रह गया है।
कुछ माह पूर्व पूरे विश्व को अपनी चपेट में लेकर आतंक का पर्याय बन चुके कोरोना महामारी का प्रकोप अब नाममात्र का ही रह गया है जिससे लोगों में उसे लेकर फैली दहशत भी अब नाममात्र की ही रह गयी है। कोरोना के शुरुआती दौर में कहीं भी एक भी मरीज के मिलते ही पूरे क्षेत्र में दहशत व्याप्त हो जाती थी। स्वास्थ्य कर्मी भी कोरोना मरीज को पीपीई किट पहन कर ही ले जाते थे जिससे लोगों में दहशत व्याप्त हो जाती थी। समय के साथ कोरोना का प्रकोप भी कम हुआ और उसके कारण फैलने वाली दहशत भी कम हुई है। पहले जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रतिदिन भारी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे थे वहीं अब अधिकांशतः ऐसे मरीजों की संख्या शून्य ही रहती है और कभी कभार एकाध मरीज मिल जाते हैं। मरीजों की संख्या घटने के साथ ही लोगों ने लापरवाहियां बरतना भी शुरू कर दिया है। अधिकांश लोग जहां बगैर मास्क के घूमते मिल जायेंगे वहीं अन्य अधिकांश लोग अब सेनिटाइजर का नाम भी भूल से गये हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना तो जैसे गुनाह करना हो गया है। जानकार लोगों का कहना है कि कोरोना की घटती संख्या ने लोगों को लापरवाह बना दिया है।
0 टिप्पणियाँ