बिकरू कांड में एसआईटी टीम की रिपोर्ट के बाद मैराथन बैठक
ब्यूरो कार्यालय (कानपुर):कानपुर देहात की माती कोर्ट के न्यायिक क्षेत्र वाले सात थाना क्षेत्रों को वापस कानपुर नगर में लाने की कवायद स्टार्ट हो गई है। बिकरू कांड के बाद गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) ने शासन को जो संस्तुतियां सौंपी हैं, उसमें यह मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया है। मंगलवार को आइजी ने एसआइटी रिपोर्ट के कार्यान्वयन को लेकर बैठक कर मातहतों के साथ तमाम बिन्दुओं पर काफी देर तक मंथन किया। मीटिंग में इन 7 थाना क्षेत्रों का न्यायिक क्षेत्र वापस कानपुर लाने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजने का निर्णय लिया गया।
बिकरू कांड को लेकर गठित एसआइटी के सामने जब विकास दुबे से संबंधित मुकदमों की पैरवी का मामला आया था तो अधिकारियों ने कहा कि चौबेपुर, शिवराजपुर, ककवन, बिल्हौर, घाटमपुर, साढ़ और सजेती का प्रशासनिक क्षेत्रधिकारी कानपुर नगर में है, जबकि न्यायिक क्षेत्रधिकार कानपुर देहात की माती कोर्ट से जुड़ा है। ऐसे में पैरवी के लिए आने-जाने में समस्याएं आती हैं। अफसरों की इस दलील को ध्यान में रखते हुए एसआइटी ने माती कोर्ट के न्यायिक क्षेत्रधिकार वाले सभी 7 थानों को कानपुर नगर से जोड़ने के लिए प्रक्रिया शुरू करने को कहा था।
आइजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार की बैठक में सबसे पहले इसी पर निर्णय लिया गया। मीटिंग में डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह, एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव मौजूद रहे।
आइजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि डीआइजी से कहा गया है कि वह पुलिस फोर्स को समय-समय पर फायरिंग प्रशिक्षण दिलाएं। दबिश के लिए एक मानक प्रोटोकॉल तय करें ताकि दोबारा बिकरू जैसी घटना न हो।
आइजी ने कहा कि जिन 37 पुलिस कर्मियों के खिलाफ एसआइटी ने रिपोर्ट दी है, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए एक महीने का समय तय किया गया है। इस समय सीमा में ही सुनवाई करते हुए सभी के खिलाफ दंड का निर्धारण कर दिया जाएगा।
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