प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की बचपन से मेरे मन में एक बात संस्कारित हुई कि जनता-जनार्दन ईश्वर का रूप होती है और लोकतंत्र में ईश्वर की तरह ही शक्तिमान होती है
इतने लंबे कालखंड तक देशवासियों ने मुझे जो जिम्मेदारियां सौंपी हैं, उन्हें निभाने के लिए मैंने पूरी तरह से प्रामाणिक और समर्पित प्रयास किए हैं।
आज जिस प्रकार देश के कोने-कोने से आप सबने आशीर्वाद और प्रेम बरसाए हैं, उसका आभार प्रकट करने के लिए आज मेरे शब्दों की शक्ति कम पड़ रही है!
देश सेवा, गरीबों के कल्याण और भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का हम सबका जो संकल्प है, उसे आपका आशीर्वाद, आपका प्रेम और मजबूत करेगा।
कोई व्यक्ति कभी यह दावा नहीं कर सकता कि मुझमें कोई कमी नहीं है। इतने महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी भरे पदों पर एक लंबा कालखंड… एक मनुष्य होने के नाते मुझसे भी गलतियां हो सकती हैं।
यह मेरा सौभाग्य है कि मेरी इन सीमाओं और मर्यादाओं के बावजूद आप सबका प्रेम उत्तरोत्तर बढ़ रहा है।
मैं अपने-आपको, आपके आशीर्वाद के योग्य, आपके प्रेम के योग्य बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहूंगा।
देशवासियों को एक बार फिर से विश्वास दिलाता हूं कि देशहित और गरीबों का कल्याण, यही मेरे लिए सर्वोपरि है और हमेशा सर्वोपरि रहेगा।
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