तीन माह पूर्व एक बच्चे का पिता बना था शहीद जिलाजीत यादव

तीन माह पूर्व एक बच्चे का पिता बना था शहीद जिलाजीत यादव


कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों,अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों यही जज्बा को लेकर सन् 2014 में सेना में भर्ती हुआ जौनपुर का बेटा जिलाजीत यादव पुलवामा में आतंकियों से मुकाबला करते हुए शहीद हो गया।यह बीर सपूत अपने मां बाप का एकलौता पुत्र था तथा अभी वह तीन माह पूर्व ही एक बच्चे का पिता बना था। यह मनहूस खबर मिलते ही पूरे इलाके में कोहराम मच गया है।


जौनपुर जिले के इजरी सरकोनी गांव निवासी स्व कांता यादव को तीन बेटियां व एक पुत्र जिलाजीत यादव पैदा हुए।जिलाजीत भारत मां की रक्षा के लिए सन् 2014 में सेना में भर्ती हुए, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में बुधवार को तड़के घेराबंदी एवं तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में सैनिक जिलाजीत शहीद हो गया।जिलाजीत के शहीद होने से जहां मां के बुढ़ापे की लाठी टूट गई वहीं तीन माह के दूधमुंहे बच्चे के सिर से पिता का साया उठ गया।भरी जवानी में पत्नी के मांग का सिंदूर धूल गया।जिलाजीत के दोस्त अमित यादव ने बताया जिलाजीत के अंदर बचपन से ही देश भक्ति का जज्बा था,वह सेना में भर्ती होने के लिए जमकर ख़ून पसीना बहाया था। आज वह भारत मां की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। उसके शहीद होने का हम लोगों को जहां गम है वहीं हम लोगों का सीना फक्र से ऊंचा हो गया है, उसने देश के दुश्मनों से लड़ते हुए अपनी जान कुर्बान किया है।


 


शेखर श्रीवास्तव पत्रकार जौनपुर


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