अमेठी : श्रीमती किरण मौर्या प्रधान ग्राम पंचायत मोचवा द्वारा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना अंतर्गत निर्मित कराए गए शौचालयों में घोर उदासीनता एवं लापरवाही बरतते हुए नियमों के विपरीत शासकीय धनराशि का दुरुपयोग किए जाने का मामला सामने आने पर उनके वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार प्रतिबंधित करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान मोचवा के विरुद्ध शिकायत मिलने पर तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच कराई गई, जांच उपरांत ग्राम प्रधान द्वारा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना अंतर्गत शौचालय निर्माण की धनराशि लाभार्थियों के खाते में न भेज कर स्वयं अपने, पति व अन्य सगे संबंधियों के खाते में ₹3770000 हस्तांतरित करने एवं मनरेगा अंतर्गत कराए गए कार्यों में गांव के व्यक्तियों के नाम से दो-दो जॉब कार्ड निर्गत कर एक ही दिवस में कार्य दिए जाने, बिना कार्य कराए मजदूरों के खाते में धनराशि का हस्तांतरण कराने आदि वित्तीय अनियमितता बरतने का मामला प्रकाश में आने पर श्रीमती किरण मौर्य प्रधान ग्राम पंचायत मोचवा विकासखंड भादर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, ग्राम प्रधान द्वारा नोटिस के जवाब में मनरेगा संबंधित शिकायतों की पुष्टि नहीं हुई, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना अंतर्गत व्यक्तिगत लाभार्थियों द्वारा निर्मित कराए गए 54 शौचालय निर्माण पर व्यय धनराशि रूपए 5600000 के संबंध में लाभार्थियों को कितनी-कितनी धनराशि का भुगतान किया गया इसका कोई विवरण प्रधान द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे यह स्पष्ट हो सके कि वास्तव में किन लाभार्थियों को दोनों किस्त का भुगतान किया गया है और किन लाभार्थियों को एक किश्त का, इस प्रकार व्यय धनराशि को समायोजित करने की नियत से धनराशि रुपए 560000 व्यय करना दिखाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि बैंक स्टेटमेंट के अनुसार ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा स्वयं के नाम, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि श्री रामयज्ञ मौर्य व अन्य के नाम कुल धनराशि ₹ 3770000 का अंतरण किया गया है, प्रस्तुत किए गए उत्तर में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि द्वारा कुल रुपए 1759600 व्यय करना दिखाया गया है इस प्रकार रु. 2010400 धनराशि अन्य के पास रक्षित है, जो धनराशि व्यय करना दिखाया गया है, सब नगद भुगतान किया गया है जोकि वित्तीय नियमों के विरुद्ध है। इस प्रकार श्रीमती किरण मौर्या प्रधान ग्राम पंचायत मोचवा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना अंतर्गत निर्मित कराए गए शौचालयों में घोर उदासीनता एवं लापरवाही करते हुए नियमों के विपरीत शासकीय धनराशि का दुरुपयोग किए जाने की दृष्टि से निर्माण कार्य में प्रयुक्त सामग्री जो कि कतिपय फर्मों से की गई है का भुगतान फर्मों को सीधे न करके अपने स्वयं, पति एवं अन्य सगे संबंधियों के व्यक्तिगत खाते में हस्तांतरित किए जाने के साथ-साथ पदेन दायित्वों के निर्वहन में चूक बरतने की दोषी पाए जाने पर उनके वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों को प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) को उक्त प्रकरण हेतु अंतिम जांच अधिकारी नामित किया गया है।
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