पूर्व कुलपति ने जाते -जाते अपने चहेतों को दिया संकेत
जौनपुर:वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में नए कुलपति के रूप में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में जंतुविज्ञान विभाग के प्रोफेसर केपी सिंह की नियुक्ति की सम्भावना सबसे अधिक है। प्रोफेसर सिंह निवर्तमान कुलपति रहे डॉ राजाराम यादव के बहुत ही करीबी हैं तथा इनकी पैरवी खुद राजाराम यादव और उनकी संघ लाबी कर रही है।बरेली विश्वविद्यालय तथा गोरखपुर विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति का कार्यकाल माननीया कुलाधिपति ने एक माह के लिए बढ़ा दिया है लेकिन सूत्रों ने बताया कि वहां भी स्थायी कुलपति की नियुक्ति जल्द होने वाली है। डॉ राममनोहर अवध विश्वविद्यालय अयोध्या में स्थाई कुलपति की नियुक्ति हो चुकी है ऐसे में पूर्वांचल विश्वविद्यालय में स्थायी कुलपति के नियुक्ति की प्रक्रिया भी जल्द पूर्ण होनी है। गम्भीर भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे और बिवादित व्यक्तित्व होने के कारण राजभवन ने कुलपति राजाराम यादव को और विस्तार न देते हुए उन्हें परिसर से विदाई दे दी। वीर बहादुर सिंह पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय में चल रही चर्चाओं के अनुसार वर्तमान में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति पद के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जंतुविज्ञान विभाग के प्रोफेसर केपी सिंह इस दौड़ में सबसे आगे हैं। जिसके संकेत कल तक कुलपति रहे डॉ राजाराम यादव ने जाते जाते विश्वविद्यालय में अपने से जुड़े खास लोंगों लोंगो को बता दिया है। कल उनकी विदाई समारोह में शामिल रहे उनके एक अत्यंत निकट के व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने कहा है कि आप लोग परेशान न हो मेरे खासमखास प्रो केपी सिंह ही नए कुलपति के रूप में यहां 25 अगस्त के पहले स्थायी कुलपति के रूप में पदभार ग्रहण कर लेंगे। जैसा कि परिसर के सभी कर्मचारी अधिकारी और शिक्षकों को भी पता है कि प्रोफेसर केपी सिंह का डॉ राजाराम यादव के कार्यकाल में पूर्वांचल विश्वविद्यालय मे खूब आना-जाना रहा है। वर्तमान कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव के दाहिने हाथ और अति निकट के माने जाने वाले प्रोफेसर केपी सिंह का वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में विगत तीन वर्षों में अनेक बार आना जाना हुआ है।वह कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव के कार्यकाल में विश्विद्यालय के निर्माण,गुणवत्ता और विकास समितियों सहित अनेक समितियों में संयोजक तथा अध्यक्ष के रूप में शामिल रहे हैं। कुलपति डॉ राजाराम यादव के समय मे जितने भी भवन निर्माण के कार्य हुए हैं सभी के गुणवत्ता और आंतरिक मूल्यांकन उन्ही के संयोजन में किये गए हैं। उन्ही की समिति के द्वारा निर्माण आदेश और गुणवत्ता परीक्षण किया जाता रहा है।विश्वविद्यालय में चल रही चर्चा के अनुसार कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव के अति नज़दीकी होने के कारण उनके उत्तराधिकारी के रूप में भी इन्हें विश्विद्यालय का नया कुलपति बनाने के लिए स्वयं पूर्व कुलपति राजाराम यादव और उनकी पूरी टीम सक्रियता से लगी हुई है। अंदर खाने में उनके भव्य स्वागत की तैयारियां करने में भी पूर्व कुलपति के लोग अभी से लग गए हैं।सूत्रों की माने तो पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय के अगले कुलपति के रूप में प्रोफेसर केपी सिंह के नाम की घोषणा होने में केवल राजभवन लखनऊ की मुहर लगनी ही बाकी है।
शेखर श्रीवास्तव की रिपोर्ट
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