विजय कुमार शर्मा बगहा प,च,बिहार
ऑक्सीजन का वृहद उद्योग हरिशंकरी वृक्ष यानी पाकड़ पीपल बरगद लगाकर विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर वृक्षारोपण के कार्यक्रम का मंच ने किया गणेश
नैतिक जागरण मंच वेलफेयर ट्रस्ट बगहा के तत्वावधान में बगहा जैसे पीछड़े इलाके मे बालिकाओं को ऊँची शिक्षा सरलता से प्राप्त हो ,के हेतु पं उमाशंकर महिला महाविद्यालय की स्थापना करने के सुंदर संकल्प के लिए आज, विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर पंडित श्री अरविंद नाथ तिवारी व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सरोज तिवारी जी को संयुक्त रूप से नाशपाती का पौधा देकर सम्मानित किया गया।सम्मानि करते हुए ,नैतिक जागरण मंच वेलफेयर ट्रस्ट के सचिव निप्पू कुमार पाठक ने कहा कि धन्य है आपकी सोच ,आपके मात -पिता आपके प्रेरणास्रोत स्व.श्री राजेन्द्र मिश्र जी व आपके हर कार्यों की सहभागिता आपकी धर्मपत्नी सरोज तिवारी जी।जिनके सहयोग से भव्य आवासीय महिला महाविद्यालय की स्थापना हो सकी। बालिकाओं उच्च शिक्षा बगहा मे ही सुलभ हो ,के लिए अपना 5 एकड़ जमीन समर्पित करने वाले आपके पिता पंडित श्री उमाशंकर तिवारी जी भी विशेष पूजनीय है।
आज के विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मैं विशेष तौर पर श्रीमती सरोज तिवारी जी को सम्मानित करते हुए गौरव का अनुभव इसलिए कर रहा हूं। प्रकृति नारीशक्ति का ही दूसरा रूप है । जिस दिन महिलाएं प्रकृति से पूरी तरह जुट जाएंगी । उस दिन पूरा पुरुष वर्ग भी प्रकृति रक्षा के लिए खड़ा हो उठेगा। क्योंकि महिला शक्ति पुरुष के लिए हर दिशा में प्रेरित करने वाली रही है। तभी पर्यावरण निश्चित रूप से सुरक्षित और संरक्षित हो पाएगा ।आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर श्रीमती मिश्रा के हाथ से ऑक्सीजन उत्पन्न करने वाले इस पीपल के साथ दीर्घजीवी बरगद और पाकड़ वृक्ष को भी इस महाविद्यालय के अंतर्गत स्थापित कर ,आपके माध्यम से विश्व की सम्पूर्ण महिला शक्ति को वृक्षारोपण हेतु आमंत्रित करता हूँ।
वृक्षारोपण कार्यक्रम के इस अवसर पर पंडित श्री अरविंद तिवारी जी ने मंच को धन्यवाद देते हुए कहा कि नाशपाती सर्वाधिक पौष्टिक फल है।पर यह पाकड़, पीपल ,बरगद भगवान ब्रह्मा विष्णु एवं शिव के प्रतीकात्मक रूप है । वास्तव में हम सभी को प्रकृति को मां समझकर वृक्षों को देवतुल्य समझते हुए इनकी पूजा-अर्चना ही नहीं ।बल्कि आदर के साथ इनकी रक्षा करनी चाहिए । मौके पर उपस्थित श्री संजय तिवारी और संस्कृत भारती के देव निरंजन दिक्षित एवं डॉ.श्रीधर शान्डिलय ने भी वृक्षों की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वास्तव में वृक्षारोपण के कार्यक्रम में महिलाओं को भी शामिल किया जाना मंच का निर्णय स्वागत योग्य है। क्योंकि महिलाएं पुरुष को वृक्षारोपण के साथ साथ उनकी रक्षा के प्रति सजग कर सकती है। जिससे विश्व प्रदूषण व वैश्विक तापन से मुक्त हो सकता है।
अंत मे मंच के सचिव निप्पू कुमार पाठक ने गत वर्षों की भांति आज से लेकर अगले अगस्त महिने तक हजारों वृक्षों को जगह-जगह लगाने के मंच के संकल्प वृक्षोः रक्षति रक्षितः को दोहराते हुए सबों का अभिनंदन व आभार व्यक्त किया
0 टिप्पणियाँ