परिवहन विभाग का बड़ा एलान, इतने से कम सवारी होने पर नहीं चलेंगी रोडवेज की बसें

परिवहन विभाग का बड़ा एलान, इतने से कम सवारी होने पर नहीं चलेंगी रोडवेज की बसें


प्रारंभिक स्टेशन पर अगर रोडवेज की बस में 22 सवारी न हो तो उसे निरस्त कर दिया जाए। वहीं लंबी दूरी की बसों में कम से कम 40 प्रतिशत एवं 200 से 300 किमी दूरी की बसों में कम से कम 50 प्रतिशत सवारी होने पर ही बसों का संचालन किया जाए। यह निर्देश शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान गोरखपुर परिवहन निगम के एमडी डॉ. राजशेखर ने आरएम एवं एआरएम को दिए। इस दौरान वह एक जून से 11 जून के बीच बसों के संचालन की समीक्षा कर रहे थे।


 


एमडी ने कहा कि अनलॉक 1.0 में बसों का संचालन शुरू होने के बाद चालकों व परिचालकों के साथ स्थानीय अधिकारी कार्य में शिथिलता बरत रहे हैं। जिससे निगम को नुकसान हो रहा है। ऐसे में अब सभी की जिम्मेदारी तय होगी। उन्होंने कहा कि चालकों एवं परिचालकों द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है। वह रास्तों से बसों में सवारी नहीं भर रहे हैं। जिससे निगम को घाटा हो रहा है।


उन्होंने निर्देश दिया कि समय-समय पर चालकों एवं परिचालकों की काउंसलिंग कराई जाए। कहा कि इन दिनों रात में बसों का संचालन नहीं हो रहा था। ऐसे में अगर रात में मानक के मुताबिक सवारी मिले तो रात में भी बसों का संचालन कराया जाए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद यात्रियों की संख्या में कमी आई है।


50 प्रतिशत से कम सवारी पर नहीं मिलेगी प्रोत्साहन राशि


 


आरएम, एआरएम के साथ ही चालकों व परिचालकों की जिम्मेदारी है कि लोगों को जागरूक करें और बताएं कि रोडवेज की बसें यात्रा के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं। साथ ही बसों का नियमित सैनिटाइजेशन किया जाए।


 


सुबह सात से 12 बजे के बीच सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को आउटसेड में बसों की निगरानी करनी होगी। साथ ही इसकी रिपोर्ट नोडल अधिकारी को देनी होगी। निगम को घाटे से उबारने के लिए पहले निगम की बसों का संचालन कराया जाए। इसके बाद अगर आवश्यकता पड़े तब अनुबंधित बसों का संचालन कराया जाए।


 


एमडी ने कहा कि परिवहन निगम इन दिनों घाटे में चल रहा है। ऐसा फीडबैक मिल रहा है कि संविदा चालक एवं परिचालक रास्तों से सवारी न लेकर सिर्फ किलोमीटर का कोटा पूरा कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें जून में तभी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी जब बसों में कम से कम 50 प्रतिशत का लोड फैक्टर हो।


 


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