मुख्यमंत्री 48 घंटे के भीतर जनता को इसका स्पष्टीकरण दें और कोविड मरीजों की स्थिति और संख्या में की जा रही हेराफेरी पर जवाबदेही बनाएं: प्रियंका गांधी वाड्रा 

मुख्यमंत्री 48 घंटे के भीतर जनता को इसका स्पष्टीकरण दें और कोविड मरीजों की स्थिति और संख्या में की जा रही हेराफेरी पर जवाबदेही बनाएं: प्रियंका गांधी वाड्रा 


 उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा में कोरोना संक्रमण के हालात को मुबंई और दिल्ली से बदतर बताते हुये कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यहां कोरोना से मृत्यु दर डराने वाली है। वाड्रा ने मंगलवार को ट्वीट किया ‘‘ आगरा में कोरोना से मृत्यु दर डराने वाली है। यहां हर 15 में एक कोरोना पीड़ित की जान चली गई। यहां 79 मरीजों में से 28 की मौत अस्पताल में भर्ती होने के 48 घण्टे में होना बड़ी लापरवाही है। मुख्यमंत्री, कृपया 48 घण्टे में जांच रिपोर्ट जनता के सामने रखें।''


उन्होंने जिला प्रशासन पर कोविड मरीजों की स्थिति और संख्या में हेराफेरी का आरोप लगाते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सफाई देने की मांग की। वाड्रा ने कहा ‘‘ आगरा में कोरोना से मृत्यु दर दिल्ली व मुंबई से भी अधिक है। यहां कोरोना से मरीजों की मृत्यदर 6.8 फीसदी है। यहां कोरोना से जान गंवाने वाले 79 मरीजों में से कुल 35 प्रतिशत यानि 28 लोगों की मौत अस्पताल में भर्ती होने के 48 घण्टे के अंदर हुई है।‘आगरा मॉडल' का झूठ फैलाकर इन विषम परिस्थितियों में धकेलने के जिम्मेदार कौन हैं। मुख्यमंत्री 48 घंटे के भीतर जनता को इसका स्पष्टीकरण दें और कोविड मरीजों की स्थिति और संख्या में की जा रही हेराफेरी पर जवाबदेही बनाएं। ''


इससे पहले सोमवार को कांग्रेस महासचिव ने ट्वीट किया था कि ‘‘आगरा में 48 घंटे में भर्ती हुए 28 कोरोना मरीजों की मृत्यु हो गई। यूपी सरकार के लिए कितनी शर्म की बात है कि इसी मॉडल का झूठा प्रचार करके सच दबाने की कोशिश की गई। सरकार की नो टेस्ट=नो कोरोना पॉलिसी पर सवाल उठे थे लेकिन सरकार ने उसका कोई जवाब नहीं दिया। अगर यूपी सरकार सच दबाकर कोरोना मामले में इसी तरह लगातार लापरवाही करती रही तो बहुत घातक होने वाला है। ''


उधर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ललन सिंह ने आगरा के जिलाधिकारी द्वारा वाड्रा को दिये गये नोटिस को भ्रामक और फर्जी करार दिया और कहा कि योगी सरकार के ‘‘कारीगर'' फिर एक पत्र को मीडिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं, जिसमें कथित रूप से आगरा के ज़िलाधिकारी की ओर से श्रीमती प्रियंका गांधी को नोटिस देने की बात कही गई है। हैरानी की बात ये है कि ऐसा कोई पत्र अधिकृत रूप से कांग्रेस को मिला ही नहीं है। इन्हीं ‘‘कारीगरों'' ने कुछ ऐसा ही कारनामा तब भी किया था, जब प्रवासियों की मदद के लिए प्रियंका गांधी जी ने बसें भेजी थीं।


उन्होंने कहा ‘‘हम सच्चाई के राह पे चलने वाले कोंग्रेस के सिपाही है। ना डरे है और ना डरेंगे, हम लड़े है और लड़ेंगे।'' गौरतलब है कि आगरा के जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह का एक पत्र सोशल मीडिया में वायरल हुआ है जिसमें उन्होंने वाड्रा को नोटिस दी है। हालांकि जिलाधिकारी आगरा इस संबंध में प्रतिक्रिया जानने के लिये कई बार संपर्क साधने के बावजूद नहीं मिले। 


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