कुशीनगर :डीएम एवं एसपी ने गंडक नदी के अमवा खास व एपी तटबंध का किया निरीक्षण

कुशीनगर :डीएम एवं एसपी ने गंडक नदी के अमवा खास व एपी तटबंध का किया निरीक्षण


डीएम और एसपी ने गंडक नदी के अमवा खास व एपी तटबंध का बृहस्पतिवार निरीक्षण किया। एपी बंधे के संवेदनशील जगहों पर चल रहे बचाव कार्य को जल्दी पूरा कराने का निर्देश दिया गया।निरीक्षण के दौरान डीएम भूपेंद्र एस चौधरी और एसपी विनोद कुमार मिश्रा ने ने बंधे पर होने वाले कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी लेते हुए अभियंताओं को समय से पहले सभी परियोजनाओं का कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया।


 


वहीं बंधे के किनारे बसे लोगों के बारे में भी जानकारी ली। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता भरत प्रसाद ने सभी जगहों पर हो रहे कार्यों की जानकारी दी। इस दौरान सहायक अभियंता हरिशंकर पांडेय, एसओ बरवापट्टी नन्दा प्रसाद, मंसूर आलम, श्रीनिवास कुशवाहा आदि मौजूद रहे।


तीन परियोजनाओं को नहीं मिली मंजूरी


दुदही। बाढ़ से बचाव के पुख्ता इंतजाम नहीं होने से नदी के किनारे बसे लोग सहमे हुए हैं। बाढ़ खंड की ओर से पूर्व में भेजे गए नौ प्रस्तावों में तीन पर कोई काम नहीं चल रहा है।गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग पटना की टीम ने पिछले वर्ष अक्तूबर में कुशीनगर जिले का दौरा किया था। टीम के निर्देश पर बाढ़ खंड ने अमवाखास तटबंध पर नौ परियोजनाओं का प्रस्ताव भेजा था। उसमें केवल छह परियोजनाओं को ही मंजूरी मिली। बाढ़ खंड के अभियंताओं का कहना है कि 60 करोड़ की लागत वाली इन छह परियोजनाओं पर काम पूरा हो गया है। हालांकि भुगतान सिर्फ पांच करोड़ रुपये का ही हुआ है। अमवाखास तटबंध के किनारे बसे लोगों का मानना है कि अगर सभी परियोजनाएं मंजूर हो गई होतीं तो बाढ़ की आशंका कम होती।


बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता भरत राम का कहना है की गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग पटना की टीम के सुझाव के मुताबिक स्पर और बांध पर पिचिंग आदि के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। अमवा खास तटबंध पर छह परियोजनाएं पूरी कराई जा रही हैं। बांध पूरी तरह से सुरक्षित है।


फ्लड फाइटिंग की तैयारी में जुटा विभाग


तमकुहीरोड। वाल्मीकिनगर बैराज से गंडक नदी में अब 25 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। बरसात शुरू होने पर सप्ताह अंदर जलस्तर में वृद्धि की संभावना को देखते हुए बाढ़ खंड ने बचाव कार्य की तैयारियां तेज कर दी है।


हर साल 15 जून से मानसून सत्र शुरू होने के साथ ही गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने लगता है। इस बार भी नदी में नियमित तौर पर 25 से 38 हजार क्यूसेक के बीच पानी छोड़ा जाने लगा है। बाढ़ खंड के अभियंताओं का कहना है कि जलस्तर एक लाख से ऊपर पहुंचते ही नदी कटान करने लगती है। इस संभावित खतरे को देखते हुए बाढ़ बचाव के लिए जरूरी तैयारियां की जा रही हैं। बाढ़ खण्ड तृतीय के एसडीओ एसके प्रियदर्शी का कहना है कि डिस्चार्ज बढ़ने की स्थिति में संभावित खतरों को देखते हुए बाढ़ बचाव की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। 


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