गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर एक हुआ बड़ा खुलासा

गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर एक हुआ बड़ा खुलासा

 



 पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। अमरीकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक घाटी में चीन के पश्चिमी थिएटर कमांड प्रमुख जनरल झाओ जोंगकी ने अपने सैनिकों को घाटी में स्थित भारतीय सेना की एक टुकड़ी पर हमला करने का आदेश दिया था। हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद गए थे। वहीं चीन की ओर से अपने सैनिकों की मौत को लेकर कोई खुलासा नहीं किया गया है। चीन ने झड़प के दौरान अपने एक सी.ओ. और 2 अन्य अधिकारियों के मारे जाने की पुष्टि की है। वहीं दूसरी तरफ चीन के विदेश मंत्रालय ने दावा किया था कि भारतीय सैनिकों ने पहले चीनी सैनिकों पर हमला किया था। 


 


भारत से चिढ़ा हुआ है चीन


खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को अमरीका के पाले में जाता देख चीन काफी समय से भारत से चिढ़ा हुआ है। वहीं भारत 5जी का ठेका चीन को न दे, इसके लिए भी अमरीका ने भारत से बातचीत की थी। रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि यह हिंसक झड़प को राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सहमति थी परन्तु इस संबंध में अभी पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। इस पूरे मामले पर चीनी सेना विशेषज्ञों का कहना है कि इस हमले की जानकारी जिनपिंग को जरूर होगी। 


 


पैंगोंग के 8 किलोमीटर लंबे इलाके पर चीनियों का कब्जा


चीनी सैनिकों ने पैंगोंग सो के करीब 8 किलोमीटर लंबे इलाके पर कब्जा कर रखा है। मई की शुरूआत में यहां कदम रखने वाले चीनियों ने डिफैंस स्ट्रक्चर्स और बंकर तक तैयार कर लिए हैं। झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर 4 से 8 के बीच ऊंचाई वाले इलाकों पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक मौजूद हैं। 


 


चीनी सैनिकों पर इसराईली ड्रोन से रखी जा रही नजर


लद्दाख में चीनी बलों पर निगरानी


 के लिए इसराईली हेरॉन ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा टेक निगरानी भी बढ़ा दी गई है, ताकि किसी भी गतिविधि का फौरन पता लगाया जा सके।


 


चीन का दावा- गलवान झड़प में 40 सैनिकों के मरने की खबर ‘फर्जी’


 


चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियान ने भारत और चीनी सैनिकों के बीच 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंस​क झड़प में अपने सैनिकों के हताहत होने पर पहली बार चुप्पी तोड़ी और पूर्वी लद्दाख में हुए टकराव में अपने 40 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने को ‘फर्जी खबर’ करार दिया। वह वी.के. सिंह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर हमारे 20 जवान शहीद हुए हैं तो उनके दोगुने सैनिक मारे गए हैं। 


अब जापान ने भी चीन को घेरा


 चीन को अब जापान ने भी घेर लिया है। लंबे समय से चीन पूर्वी चीन सागर में जिस द्वीप पर नजरें गड़ाए बैठा था जापान ने उस पर दावा और मजबूत कर लिया है। सोमवार को जापान के ओकीनावा में इशिगाकी सिटी काऊंसिल ने सेंकाकुस द्वीप पर जापान का नियंत्रण और मजबूत करने वाले बिल को मंजूरी दे दी।


 


चीन ने 7 दिन में की 40,000 से ज्यादा बार साइबर हमले की कोशिश


 


चीन इस वक्त 2 मोर्चों पर एक साथ भारत के खिलाफ साजिश रच रहा है। एक तो लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर और दूसरा भारत के साइबर स्पेस में। 15 जून को जहां गवलान घाटी में सैनिकोंं के बीच झड़प हुई तो वहीं 15 जून से लेकर आज तक करीब 40,000 से भी ज्यादा बार चीनी हैकर्स ने भारत के साइबर स्पेस में अटैक करने की कोशिश की है। 15 जून से अब तक करीब 40 हजार 300 बार चीनी हैकर्स ने भारतीय साइबर स्पेस में अटैक करने की कोशिश की है। सुरक्षा एजैंसियों के मुताबिक इनमें से ज्यादातर हैकर्स चीन के सिचुआन क्षेत्र में मौजूद हैं। सिचुआन को चीन की सेना के साइबर वारफेयर विंग का हैडक्वॉर्टर बताया जाता है, हालांकि अभी तक यह बताया जाना मुश्किल है कि ये सब स्टेट फैक्टर है या नॉन स्टेट फैक्टर्स। 


2 तकनीक का इस्तेमाल कर रहे चीनी हैकर्स


 


इस संबंध में महाराष्ट्र साइबर इंटैलीजैंस सैल के स्पैशल आई.जी. यशस्वी यादव ने बताया कि इस अटैक के लिए चीनी हैकर्स 2 तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। पहला टाइप है- डेनियल-ऑफ-सर्विस अटैक। अगर किसी यूटिलिटी प्रोवाइडर वैबसाइट की सिर्फ 1000 लोगों की रिक्वैस्ट एक्सैप्ट करने की क्षमता है तो ये हैकर्स उसे हैक करके इस क्षमता को 10 लाख तक ले जाते हैं, जिससे पूरा सिस्टम ही क्रैश हो जाता है। दूसरा है इंटरनैट प्रोटोकाल हाइजैक, इसमें हैकर्स किसी वैबसाइट या इंटरनैट अकाऊंट के ऑनलाइन ट्रैफिक को वाया चीन डाइवर्ट करके टारगेट तक ले जाते हैं, जिससे सर्विलांस में इस्तेमाल किया जा सके। यादव ने कहा कि भारतीय सुरक्षा एजैंंसियों की सबसे बड़ी कामयाबी है कि इनमें से एक भी साइबर अटैक को कामयाब नहीं होने दिया गया है।


 


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