भारत और चीन की सेना के बीच मंगलवार को कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता लद्दाख के चुशुल मे होगी। पूरे मामले से वाकिफ सूत्र ने बताया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनातनी के बीच इस बातचीत का फोकस तनाव को कम करना और एलएसी के पास बने सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को हटाना है।
मई की शुरुआत में दो परमाणु संपन्न देशों के बीच टकराव के बाद सेना के सीनियर अधिकारियों के नेतृत्व में यह तीसरी बैठक होगी। गलवान हिंसा क करीब हफ्ते भर बाद 22 जून को आखिरी बार हुई बैठक में लेह 14वीं कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और साउथ जिनजियांग मिलिट्री क्षेत्र के मेजर जनरल लियू लिन के बीच एलएसी पर तनाव कम करने को लेकर बातचीत हुई थी।
हालांकि, चीन ने गलवान, डेपसांग और पैंगोंग त्सो के पास फिंगर एरिया में अपनी सैन्य गतिवधियां नहीं रोकी। दोनों सीनियर अधिकारी पहली बार 6 जून को मिले थे। पहली दो बैठकें मोलदो में एलएसी पर चीन की जमीन पर हुई थी। दूसरे दौर की वार्ता में 22 जून को दोनों पक्षों के बीच पूर्वी लद्दाख में तनाव वाले स्थानों पर ''पीछे हटने के लिए ''परस्पर सहमति बनी थी।
गलवान में दोनों पक्षों के बीच 15 जून की रात को हिंसक झड़प हुई थी जिसके बाद दोनों पक्षों ने कम से कम तीन दौर की मेजर जनरल स्तर की वार्ता की ताकि तनाव को कम करने के तरीकों का पता लगाया जा सके।
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