बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के प्रमुख चिकित्‍सा अधीक्षक भी कोरोना संक्रमित

बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के प्रमुख चिकित्‍सा अधीक्षक भी कोरोना संक्रमित


बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के बाद शनिवार को प्रमुख चिकित्‍सा अधीक्षक (एसआइसी) एसआइसी भी कोरोना संक्रमित मिल गए। इन्हें लेकर शनिवार को जिले के छह मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। पॉजिटिव मरीजों में शहर के मोहद्दीपुर और बशारतपुर के एक-एक मरीज भी शामिल हैं। जिले में अब कोरोना मरीजों की संख्या 220 हो गई है। हालांकि इसमें 150 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं, जबकि 10 की मौत हो चुकी है। एक्टिव मरीजों की संख्या फिलहाल 60 है।


 


बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एसआइसी शहर के बशारतपुर स्थित एचएन सिंह चौराहे के पास रहते हैं। बीते पांच दिन से उनकी तबियत खराब चल रही थी। बुखार के साथ कोरोना के अन्य लक्षण पाए जाने पर कॉलेज प्रशासन ने शनिवार को उनकी कोरोना जांच कराई। उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। पॉजिटिव होने की पुष्टि होने के बाद उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया गया है। उनके अलावा मोहद्दीपुर के ट्रांजिट हाउस के पास रहने वाले 60 वर्षीय बुजुर्ग की तबीयत खराब होने पर परिजन उन्हें इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले गए थे। जहां पर उनका नमूना लिया गया था। पिपरौली के भगवानपुर का रहने वाले 42 साल का व्यक्ति 16 जून को गाजियाबाद से आया था। इसके बाद से वह डेंटल कॉलेज में क्वारंटाइन था। कौड़ीराम का रहने वाला 22 साल का युवक दिल्ली में अपने एक दोस्त के साथ बाइक से आया था। उसका दोस्त बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हो गया था। जहां पर पहले ही उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद से युवक गीडा डेंटल कॉलेज में क्वारंटाइन था। इसके अलावा सहजनवां के सिधौली गांव के रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग की करीब चार दिन पहले तबीयत खराब हुई तो परिजन उन्हें बीआरडी ले गए। इन सबकी रिपोर्ट शनिवार को पॉजिटिव आई है। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों की तलाश शुरू कर दी गई है।


 


बुजुर्ग महिला और पुरुष की मौत


 


कोरोना संक्रमित एक बुजुर्ग महिला और पुरुष की मौत हो गई। सूर्यकुंड की रहने वाली महिला की मौत गोरखनाथ क्षेत्र में स्थित एक निजी अस्पताल में हुई जबकि इलाहीबाग काली मंदिर के पास रहने वाले पुरुष की मौत लखनऊ के केजीएमयू में हुई। जानकारी मिलने के बाद दोनों ही स्थानों को सील कर दिया गया है। मृतकों के परिजनों का रविवार को जांच के लिए नमूना लेने की भी तैयारी है। सूरजकुंड की रहने वाली 81 वर्षीय महिला को सांस लेने में तकलीफ समेत सीने में दर्द की शिकायत थी। इस पर परिजन 16 जून को महिला को गोरखनाथ क्षेत्र के एक बड़े अस्पताल में भर्ती किए। जहां पर उसका इलाज शुरू हुआ। इस बीच 17 जून को उसका नमूना निजी लैब में जांच के लिए भेजा गया, जहां रिपोर्ट पॉजिटिव आई। पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद शनिवार को महिला की मौत हो गई। वहीं, इलाहीबाग के काली मंदिर के पीछे रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। 19 जून को इलाज के लिए परिजन लखनऊ ले गए थे, जहां पर उनकी मौत हो गई। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि निजी अस्पताल को एक दिन लिए सील कराते हुए 24 घंटे में दो बार सैनिटाइज कराने के निर्देश दिए गए है।


 


अब कोरोना वार्ड में मौत के बाद तत्काल मिलेगा शव


 


कोरोना वार्ड में मृत होने वाले व्यक्ति का शव अब उनके परिजनों को कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत तत्काल सौंप दिया जाएगा। शव को सौंपे जाने के पहले नमूना ले लिया जाएगा। रिपोर्ट पॉजिटिव या निगेटिव आने पर आगे की कार्रवाई बाद में की जाएगी। शासन की ओर से इसे लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है। जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों की मौत पर अब तक उसकी जांच के लिए रोक लिया जाता रहा है। कई बार जांच में अधिक समय लगने के कारण शव 12 से 24 घंटे तक परिजनों को सुपुर्द नहीं हो पाता था। परिजनों की यह परेशानी मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंची तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया। परिणामस्वरूप शासन को इसे लेकर नई गाइड लाइन जारी करनी पड़ी। इसके मुताबिक अब नमूना लेकर शव को तत्काल परिजनों को सौंप देना होगा। यही नियम इमरजेंसी में आए मरीजों के लिए भी लागू होगा। यदि इमरजेंसी में इलाज के लिए आए मरीज की मौत हो जाती है तो शव परिजनों के सुपुर्द करने के साथ जरूरी होने पर ही डॉक्टर कोरोना जांच कराएंगे। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणोश कुमार ने बताया कि अगर कोई भर्ती मरीज की मौत हो जाती है तो उसकी ट्रैवेल हिस्ट्री या फिर अन्य कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो नमूना लेकर शव को कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत परिजनों के सुपुर्द कर दिए जाएगा।


 


पत्नी पॉजिटिव, पति निगेटिव


 


बांसगांव के डेवढ़ार बाबू की रहने वाली 38 वर्षीय महिला लखनऊ एसजीपीजीआइ में पॉजिटिव पाई गई है। बताया जाता है कि पति भिलाई में काम करता था। जहां उसकी तबीयत खराब हुई तो वह मई में पति को लेकर अपने घर आ गई। इसके बाद करीब 15 दिनों तक उसने मेडिकल कॉलेज में पति का इलाज कराया। ठीक न होने पर वह अपने देवर के साथ पति के इलाज के लिए एसजीपीजीआइ चली गई। जहां उसके पति की रिपोर्ट निगेटिव आ गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अब उसके देवर की जांच भी लखनऊ में की जाएगी। 


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