मुख्यपृष्ठ व्यापार ऑक्सीजन की लघु फैक्ट्री के नाम से प्रसिद्ध आरोग्य का वरदान देनेवाली तुलसी को प्लास्टिक एवं शीशे के बेकार पड़े डिब्बों का इस्तेमाल करके घर मे लगाएं ,घर को ही वृंदावन बनाएं
ऑक्सीजन की लघु फैक्ट्री के नाम से प्रसिद्ध आरोग्य का वरदान देनेवाली तुलसी को प्लास्टिक एवं शीशे के बेकार पड़े डिब्बों का इस्तेमाल करके घर मे लगाएं ,घर को ही वृंदावन बनाएं
विजय कुमार शर्मा बगहा प,च,बिहार
उक्त बातें नैतिक जागरण मंच वेलफेयर ट्रस्ट के सचिव निप्पू कुमार पाठक ने अचला एकादशी व्रत के अवसर पर तुलसी पौधा वितरण कार्यक्रम के दौरान कहा ।तुलसी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए ,उन्होंने कहा कि जहाँ गंगा व्यक्ति को पावन करती हैं ।वहीं तुलसी तो घर- घर को पावन व कृष्ण की भक्ति प्रदान करने के साथ-साथ आरोग्यता प्रदान करती हैं। जिन घरों मे तुलसी नहीं होती ,वें घर मरघट के समान हैं। तुलसी का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टि से बड़ा ही महत्व है ।श्री लक्ष्मीनारायण की अन्यन्य भक्तिनी वृंदा ,जो कृष्ण की भक्ति प्राप्त करने हेतु व्रजधाम मे प्रकट हुईं तथा जिनके कारण व्रजधाम वृंदावन कहलाता है।वहीं वृंदा संसार मे तुलसी नाम से प्रसिद्ध होकर, आध्यात्मिक शक्ति व औषधीय चमत्कारी गुणों कारण ,भक्तों को कृष्ण की भक्ति तथा उपयोग करनेवाले को आरोग्य प्रदान करती हैं। जो प्राणी परम पावनी कल्याणी तुलसी को अपने घर के आंगन में रखकर पूजा करते हैं । उसे कृष्ण की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। सर्दी खांसी बुखार के लिए तो तुलसी की पत्तियों रामवाण दवा का कार्य करती है ।इतना ही नहीं इसका गंध रोग उत्पन्न करने वाले रोगाणुओंणु नष्ट मे सहायक हैं। यह घर के कोने में रहकर जितना ऑक्सीजन उत्पन्न करती है उतना कोई पौधा उत्पन्न नहीं करता । रविवार ,मंगलवार, अमावस्या और ग्रहण के समय तुलसी को नहीं छूना चाहिए ।ऐसे कई गुढ व रोचक तथा आवश्यक निर्देश तुलसी वितरण कार्यक्रम के अवसर पर मौजूद माताओं को दी गई। तुलसी वितरण के विशेष कार्यक्रम में लोग सुबह से ही तुलसी का पौधा प्राप्त करने के लिए उपस्थित हुए। जिन्हें जब समय मिला स्थित होकर तुलसी का पौधा ग्रहण किए। मुख्य कार्यक्रम 10:00 बजे शुरू हुआ । उपस्थित दर्जनों माताओं को तुलसी का पौधा देकर उनकी सेवा करने के लिए कहा गया। स्वास्थ्य लाभ हेतु तुलसी के पत्ते को नियमित मरिच नींबू आदि के साथ मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने को भी कहा गया। कार्यक्रम के अंत में आगामी 2 जून 2020 को पड़ने वाली भीमसेनी एकादशी को सबके लिए आवश्यक बताते हुए, सब से प्रार्थना किया गया कि इस एकादशी को करने से व्यक्ति के संपूर्ण पाप नष्ट हो जाते हैं।अतः भीमसेनी एकादशी जरूर करें। क्योंकि एकादशी व्रत बड़ा ही कल्याणकारी होता है ।प्रयास करके भीमसेनी एकादशी को निर्जला रहकर करना चाहिए।
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