दुनिया का ऐसा जीव जिसका खून लाल नहीं बल्कि है नीला...एक लीटर खून की कीमत 11 लाख रुपये...जाने दिलचस्प बाते

दुनिया का ऐसा जीव जिसका खून लाल नहीं बल्कि है नीला...एक लीटर खून की कीमत 11 लाख रुपये...जाने दिलचस्प बाते

 


अब तक आपने सुना होगा केवल लाल खून वाले जीवों के बारे में. लेकिन क्या आपने कभी नीले खून वाले जीव के बारे में सुना है? यह बात आपको जरूर चौंका रही होगी, लेकिन यह सच है. दुनिया में एक ऐसा भी जीव है जिसका खून लाल नहीं बल्कि नीले रंग का है और सबसे दिलचस्प बात तो यह कि इस जीव के एक लीटर नीले खून की कीमत 11 लाख रुपये है.
दुनिया में सबसे महंगा इस जीव का नीला खून, एक लीटर की कीमत 11 लाख


नीले खून वाले इस जीव का नाम है हॉर्स शू. जो एक दुर्लभ प्रजाति का केकड़ा है. जानकार बताते हैं कि हॉर्स शू केकड़ा दुनिया के सबसे पुराने जीवों में से एक हैं और वो पृथ्वी पर कम से कम 45 करोड़ साल से हैं. 
दुनिया में सबसे महंगा इस जीव का नीला खून, एक लीटर की कीमत 11 लाख


अटलांटिक, हिंद और प्रशांत महासागर में पाए जाने वाले हॉर्स शू केकड़े बसंत ऋतु से मई – जून के माह तक दिखाई देते हैं. सबसे ख़ास बात तो यह कि पूर्णिमा के वक्त हाई टाइड में यह समुद्र की सतह पर तक आ जाते हैं. 
दुनिया में सबसे महंगा इस जीव का नीला खून, एक लीटर की कीमत 11 लाख


अब बात इन केकड़ों की कीमत की करें तो इनका एक लीटर नीला खून अंतरराष्ट्रीय बाजार में 11 लाख रुपये तक बिकता है. यह दुनिया का सबसे महंगा तरल पदार्थ भी कहा जाता है. 
दुनिया में सबसे महंगा इस जीव का नीला खून, एक लीटर की कीमत 11 लाख


खासकर दवा कंपनियां इसके खून का इस्तेमाल कई दवाइयां बनाने में करती हैं. बताया जाता है कि हॉर्स शू केकड़े के खून का इस्तेमाल साल 1970 से वैज्ञानिक कर रहे हैं. 


इसके जरिये वैज्ञानिक मेडिकल उपकरणों और दवाओं के जीवाणु रहित होने की जांच करते हैं. इनमें आईवी और टीकाकरण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मेडिकल उपकरण शामिल हैं. 


अटलांटिक स्टेट्स मरीन फिशरीज़ कमीशन के अनुसार, हर साल पांच करोड़ अटलांटिक हॉर्स शू केकड़ों का इस्तेमाल मेडिकल कामों में होता है. 


जानकार बताते हैं कि हॉर्स शू केकड़े के नीले खून में तांबा मौजूद होता है. साथ ही एक ख़ास रसायन होता है जो किसी बैक्टीरिया के आसपास जमा हो जाता है और उसकी पहचान करता है.
दुनिया में सबसे महंगा इस जीव का नीला खून, एक लीटर की कीमत 11 लाख


हॉर्स शू केकड़ों का खून उनके दिल के पास छेद करके निकाला जाता है. एक केकड़े से तीस फीसदी खून निकाला जाता है फिर उन्हें वापस समंदर में छोड़ दिया जाता है. 


वहीं, एक रिपोर्ट के मुताबिक, दस से तीस प्रतिशत केकड़े खून निकालने की प्रक्रिया में मर जाते हैं. इसके बाद बचे मादा केकड़ों को प्रजनन में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.


फिलहाल दुनिया में इस समय हॉर्स शू केकेड़ों की चार प्रजातियां ही बची हैं. कई प्रजातियां तो शिकार और प्रदूषण के कारण खतरे में हैं. 


दुनिया में इस प्रजाति के केकड़ों पर लगातार खतरा बना रहता है. इनके खून की वजह से इनकी ब्लैक मार्केटिंग होती है. 


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