बढ़ते कोरोना पर लगाम लगाने के लिए डीएम सुहास को नोएडा की मिली जिम्मेदारी, दमदार है इनका प्रोफाइल

बढ़ते कोरोना पर लगाम लगाने के लिए डीएम सुहास को नोएडा की मिली जिम्मेदारी, दमदार है इनका प्रोफाइल


नोएडा में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या प्रदेश सरकार के लिए चिंता का सबब बन चुका है। इस बीच नोएडा को कोरोना से बचाने के लिए आईएएस अधिकारी सुहास लालिनाकेरे यथिराज को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। दरअसल यूपी सरकार ने उन्हें गौतमबुद्ध नगर जिले का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है। 




सुहास मूल रूप से कर्नाटक के शिमोगा जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री ली है। वर्ष 2007 बैच के आईएएस अफसर सुहास एलवाई ने काफी दिनों तक क्रिकेट खेलने के बाद आईएएस अकादमी से ही बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। वे बचपन से ही शौकिया तौर पर बैडमिंटन खेलते थे। आईएएस बनने के बाद भी उन्होंने इस शौक को फिटनेस बरकरार रखने के लिए जारी रखा।


अब सुहास शटलर के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तमाम उपलब्धियां प्राप्त करके पैरालंपिक गेम्स खेलने के करीब पहुंच चुके हैं।  वर्ष 2016 में बीजिंग एशियन चैंपियनशिप में पहली बार एलएल-4 (लोअर स्टैंडिंग) में हिस्सा लिया और स्वर्ण पर कब्जा जमाया था।


वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर दो के पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास को साल 2016 में राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश के सबसे बेहतरीन सिविल सर्वेंट के खिताब से नवाजा था। गौतमबुद्ध नगर के डीएम नियुक्त होने से पहले सुहास उत्तर प्रदेश सरकार के प्लानिंग विभाग के विशेष सचिव थे। उन्हें फरवरी से यह कार्यभार सौंपा गया था।


प्रयागराज में बीते दिनों हुए दिव्य कुंभ मेले के दौरान बेहतरीन व्यवस्था और क्राउड मैनेजमेंट को सही तरीके से अंजाम देने के कारण सुहास मुख्यमंत्री योगी की नजरों में आए थे। कुंभ मेले के भव्य और सफल आयोजन के कारण उनकी काफी सराहना हुई थी। अपने काम और लगन के कारण वह यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से लेकर पीएम मोदी तक, सभी के पसंदीदा अफसरों में से एक हैं।




पैरालंपिक खेलने से महज 100 अंक दूर




सुहास के वर्तमान प्रदर्शन को देखा जाए तो वे पैरालंपिक गेम्स खेलने से महज 100 पाइंट की दूरी पर हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते गत आठ से 15 मार्च को होने वाली स्पेनिश ओपन पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप रद्द कर दी गई, जिसके कारण सुहास के ओलंपिक में खेलने की संभावनाएं धूमिल पड़ गई थीं। अब पैरालंपिक के अगले साल होने के कारण इनकी उम्मीदें फिर परवान चढ़ती दिख रही हैं। अगर वे अगले साल टोक्यो पैरालंपिक गेम्स के लिए क्वालीफाई करते हैं तो ऐसा कारनामा करने वाले वे देश के इकलौते आईएएस अफसर हो जाएंगे। 


बतौर पैरा शटलर सुहास एलवाई के प्रदर्शन पर एक नजर
वर्ष 2016 बीजिंग एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण 
वर्ष 2017 तुर्किश ओपन में रजत
वर्ष 2018 जकार्ता एशियन पैरा गेम्स में कांस्य
वर्ष 2018 नेशनल पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में स्वर्ण
वर्ष 2019 आयरलैंड ओपन में रजत
वर्ष 2019 तुर्किश ओपन में स्वर्ण
वर्ष 2020 ब्राजील ओपन में स्वर्ण
वर्ष 2020 पेरू ओपन में स्वर्ण





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