राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिए संकेत, फायदा होने पर ही करेंगे समझौता

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिए संकेत, फायदा होने पर ही करेंगे समझौता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भावी भारत दौरे की तसदीक कर दी है और साथ ही इस बात के संकेत दिए है कि उनकी यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एक कारोबारी समझौता भी हो सकता है। कारोबारी समझौते को लेकर ट्रंप ने जो बयान दिया है उसी से साफ हो जाता है कि दोनों पक्ष अभी तक अपने अपने हितों को लेकर अडिग है।


राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिए संकेत, फायदा होने पर ही करेंगे समझौता


ट्रंप ने कहा है कि अगर हमारे हितों के मुताबिक होगा तो हम समझौता करेंगे। भारत के अधिकारियों के मुताबिक भी दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच बात तो हो रही है, लेकिन समझौता होने को लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।


राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा- मैं भारत जाने को उत्सुक हूं


मंगलवार को अमेरिका और भारत की सरकार की तरफ से राष्ट्रपति ट्रंप के नई दिल्ली व अहमदाबाद आने का ऐलान किया गया था। बुधवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने इस जानकारी को पुख्ता किया और कहा कि वह भारत जाने को उत्सुक हैं। उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए अहमदाबाद में अपने कार्यक्रम के बारे में भी संक्षिप्त जानकारी दी। अहमदाबाद में वह मोदी के साथ मिल कर विश्व के सबसे बड़े स्टेडियम का उद्घाटन करेंगे।


मोदी ने ट्रंप से कहा- अहमदाबाद कार्यक्रम में भव्य स्वागत के लिए 50 से 70 लाख की होगी भीड़


ट्रंप ने कहा कि मोदी ने उन्हें बताया है कि वहां लाखों लाख की भीड़ होगी। एयरपोर्ट से स्टेडियम जाने के रास्ते में 50 से 70 लाख होंगे। उनके इस बयान के कुछ ही घंटे बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर ट्रंप की भव्य आगवानी के संकेत दे दिए।


मोदी ने कहा- ट्रंप और उनकी पत्नी के भारत आने से बेहद खुश हूं


मोदी ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप व उनकी पत्नी मलेनिया ट्रंप के इस महीने के अंत में भारत आने की सूचना से वह बेहद खुश हैं। दोनो देश कई क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं और इनके प्रगाढ़ होते रिश्ते सिर्फ हमारे नागरिकों के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए शुभ साबित होगा।


भारत-यूएस कारोबारी समझौता आम सहमति बनने के मुकाम पर नहीं पहुंच सका


दोनों नेताओं की तरफ से बेहद उत्साह दिखाने के बावजूद कारोबारी समझौते को लेकर जो बातचीत हो रही है वह अभी तक आम सहमति बनने के मुकाम पर नहीं पहुंच सकी है। उद्योग व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिका के ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव रोबर्ट लाइथाइजर के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कई मुद्दों पर अड़चन बनी हुई है। अमेरिका का रुख इस बात से समझा जा सकता है कि जिस दिन उसने ट्रंप के भारत दौरे की घोषणा की है उसी दिन भारत को उस सूची से अलग हटा दिया है जिससे विकासशील देशों से होने आयात को बढ़ावा दिया जाता है।


दोनों देशों के बीच अधर में लटका ट्रेड एग्रीमेंट


दोनों पक्षों के बीच इसके पहले सितंबर, 2019 में ट्रेड एग्रीमेंट होने की बात कही गई थी। तब न्यूयार्क में कई दौर की बातचीत के बावजूद अमेरिका से भारत को होने वाले कई उत्पादों पर सीमा शुल्क लगाने के मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई थी। उसके बाद कहा गया कि वर्ष 2019 के अंत तक समझौता होगा। अब कहा जा रहा था कि ट्रंप के नई दिल्ली प्रवास के दौरान समझौता होगा, लेकिन अभी वस्तुस्थिति यही है कि समझौते की गारंटी नहीं है।


दोनों देश कृषि उत्पादों के लिए सीमा शुल्क घटाने की मांग कर रहे हैं


मजेदार बात यह है कि दोनों देश एक दूसरे से अपने कृषि व इंजीनियरिंग उत्पादों के लिए सीमा शुल्क घटाने की मांग कर रहे हैं। भारत चाहता है कि ट्रंप प्रशासन उसके स्टील व अल्यूमिनियम उत्पादों पर लगाये गये भारी आयात शुल्क को कम करने के साथ ही उसके कृषि व आटोमोबाइल उत्पादों के लिए अपने बाजार और खोले।


अमेरिका का आरोप- भारत मेरे कृषि व आटोमोबाइल उत्पादों पर ज्यादा सीमा शुल्क लगाता है


दूसरी तरफ अमेरिका का आरोप है कि भारत उसके कृषि व आटोमोबाइल उत्पादों को जान बूझ कर हतोत्साहित कर रहा है और उन पर ज्यादा सीमा शुल्क लगाता है। भारत की एक दूसरी मांग जीएसपी के तहत अपने उत्पादों को फिर से बहाल करने को लेकर है। अमेरिकी सरकार विकासशील देशों के आयात को बढ़ावा देने के लिए जीएसपी सुविधा देती है।


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