निर्भया के चार दोषियों में एक विनय शर्मा की याचिका को कोर्ट ने उस खारिज कर दी है जिसमें उसे मेडिकल सहायता की बात कही गई थी। कोर्ट ने सभी तर्कों पर बहस के बाद निष्कर्ष निकाला की दोषी विनय को किसी इलाज की जरूरत नहीं है। अदालत ने गौर किया कि मौत की सजा के मामले में सामान्य चिंता और अवसाद होता है। यह भी पता चला कि इस मामले में निस्संदेह, पर्याप्त चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक मदद प्रदान की गई है।बता दें कि विनय के दोषी ने इस मामले को कोर्ट में उठाते हुए उच्च स्तर की मेडिकल सहायता की मांग की थी। जिसे दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने नामंजूर कर दिया।बता दें कि इस मामले में सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल के वकील इरफान अहमद ने विनय की मेडिकल रिपोर्ट अदालत को सौंपी थी। इस रिपोर्ट में वकील इरफान अहमद ने बताया कि दोषी विनय ने खुद जेल की दीवारों पर अपना सिर पटका था, हालांकि इसके तुरंत बाद उसे इलाज के लिए डॉक्टरों की सहायता प्रदान की गई थी। सुबूत के तौर पर तिहाड़ ने इस मामले में सीसीटीवी फुटेज भी अदालत को सौंप दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि विनय की मानसिक तौर पर अस्थिरता की कोई पुराना इतिहास (मेडिकल हिस्ट्री) नहीं है। हालांकि विनय के वकील एपी सिंह ने इसके उलट कोर्ट को बताया था।
यहां पर बता दें कि इस याचिका में विनय के वकील एपी सिंह ने उसे मानसिक रूप से बीमार बताते हुए उसका इलाज कराने की मांग की है। इस पर शनिवार सुनवाई के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट में तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से जवाब दाखिल किया गया है। बता दें कि निर्भया के चारों दोषियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। इन्हें तीन मार्च को फांसी देने की फैसला कोर्ट सुना चुका है।
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