नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर यूपी में जमकर विरोध हो रहा है। ऐसे में विपक्षी पार्टियों ने भी कमर कसी हुई है। इसी कड़ी में यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने यूपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद सीएए (CAA) और एनआरसी (NRC) के नाम पर सरकार फिर गरीबों को लाइन में लगाना चाहती है। यह कानून संविधान विरोधी है और किसी भी कीमत पर बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान के खिलाफ संघी कानून को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि संविधान बचाने के लिए जनता सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रही है, लेकिन भाजपा सरकार पुलिस के दम पर हिंसा के जरिए आंदोलनों का दमन कर रही है। उन्होंने कहा कि हापुड़, बिजनौर, रामपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद, कानपुर, लखनऊ समेत अन्य जिलों से जहां से भी हिंसा की खबरें आईं हैं। वहां पर तत्काल न्यायिक जांच करानी चाहिए।
लल्लू ने कहा कि न्यायिक जांच का तर्क इसलिए क्योंकि दिल्ली में जिस तरह की पुलिस की भूमिका रही है, उत्तर प्रदेश में भी हिंसा में पुलिस की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है। पूरे सूबे में अब तक करीब दो दर्जन लोग पुलिसिया हिंसा में मारे जा चुके हैं। इन सभी मामलों की भी न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस की भूमिका क्या है। यह बिजनौर के कप्तान के ऑडियो से पता चलता है कि किस तरह शांतिपूर्ण तरीके से प्रर्दशन कर रहे आंदोलनकारियों का दमन किया जा रहा है।
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