जिला पश्चिम चंपारण बिहार वाल्मीकिनगर सटे नेपाल बिहार में यह कार्यक्रम का शुभारंभ आरंभ मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री, वर्तमान लौरिया विधायक, एवं स्टार कलाकार विनय बिहारी, अभिनेता एवं कार्यक्रम के संस्थापक डी. आनंद, साधक बालक दास बाबा जी महाराज,जीवन विज्ञान काठमांडू के योग प्रशिक्षक हरी पोखरेल, बिरहा गायक श्याम देव साहनी, समाजसेवी संगीत आनंद, थारू कला संस्कृति एवं प्रशिक्षण संस्थान के सचिव होमलाल प्रसाद एवम् जीवन योग प्रयोगशाला नेपाल के संयोजक उमानाथ पोखरेल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया। श्री विनय बिहारी ने संबोधित करते हुए कहा कि त्रिवेणी संगम तट पर स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा महा आरती का आयोजन एक ऐतिहासिक पहल है। पर्यावरण संरक्षण संवर्धन एवं प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा हेतु जागरूकता फैलाना इसका मुख्य उद्देश्य है। नारायणी, गंडकी तथा सदानीरा इसे हम कई नामों से जानते हैं । बिहार सरकार द्वारा इन दिनों जल जीवन हरियाली कार्यक्रम चलाया जा रहा है। ऐसे कार्यक्रमों के जरिए ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से बचा जा सकता है। पश्चिम चंपारण के उप विकास आयुक्त एवं लेखक रवीन्द्र नाथ प्रसाद सिंह की नवीनतम प्रकाशित पुस्तक व्यक्तित्व निर्माण का लोकार्पण करते हुए श्री बिहारी ने कहा कि अच्छी पुस्तकों के अध्ययन से हमें ज्ञान की प्राप्ति होती है । पर्सनालिटी डेवलपमेंट यानी कि व्यक्तित्व निर्माण के लिए यह एक सफल पुस्तक साबित हो रही है। विशिष्ट अतिथि नेपाल के योग प्रशिक्षक हरि पोखरेल ने योग बनाए निरोग का संदेश दिया। नेपाल सीएलसी के अध्यक्ष उमानाथ पोखरेल ने जीवन योग प्रयोगशाला का हेल्थ टिप्स दिया।
उन्होंने कहा कि योग द्वारा हम अपनी अंतः ऊर्जा को जागृत कर सकते हैं । मुख्य अतिथि श्री विनय बिहारी को स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा अंगवस्त्रम एवम् नारायणी गंडकी सम्मान से सम्मानित किया गया। साधक बालक दास बाबा ने कहा कि प्रकृति से प्रेम करने वाला व्यक्ति ना तो किसी वृक्ष को काट सकता है और ना ही किसी जीव की हत्या कर सकता है। हमें शाकाहार को बढ़ावा देना चाहिए। वही वृक्षारोपण के साथ-साथ प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए। गायक एवं समाजसेवी संगीत आनंद ने तरुवर को मत काटो भाई सीखो लगाना तुम गीत द्वारा जल जीवन हरियाली का संदेश दिया। श्री डी. आनंद ने कहा कि हमारी संस्था सुबह शाम दिव्यांगों को भोजन प्रदान करती है। मानवीय संवेदना ओं को समझने वाला ही आध्यात्मिक व्यक्ति कहलाता है। नवोदित कलाकारों को एक बड़ा प्लेटफार्म प्रदान करना, उन्हें स्वाबलंबी बनाना, भी इस आयोजन का एक प्रमुख उद्देश्य है। श्री विनय बिहारी ने विभिन्न गीतों द्वारा पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया । वहीं दर्शकों की विशेष मांग पर अपने कई सुपरहिट भजनों को भी प्रस्तुत किया, जिस पर पर देर तक तालियां बजती रही। महाराजगंज यूपी से आई गायिका रेखा चौधरी ने हिंदी भजनों को प्रस्तुत किया। वहीं गायिका चांदनी कुमारी शर्मा, खुशबू संगम एवं रेखा कुमारी ने समवेत स्वर में देवी पचरा प्रस्तुत किया। उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय विरहा गायक श्याम देव साहनी के निर्गुण भजन सुनकर लोग भावुक हो गए। कुशीनगर से आए गायक दिनेश पाल ने अपने भजन द्वारा आदिकवि महर्षि वाल्मीकि का संदेश दिया। एडुरेज पब्लिक स्कूल की छात्राओं द्वारा बनाई गई पेंटिंग को जल जीवन हरियाली पुस्तक के कवर पेज पर जगह मिलने हेतु विद्यालय के प्रबंधक व लेखक मृदुल मयंक नारायणी गंडकी सम्मान से सम्मानित किए गए। नेपाल पुलिस द्वारा कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया था। भारतीय क्षेत्र में एसएसबी के जवान एवं नेपाल सीमा पर एपीएफ के सुरक्षाकर्मियों ने पर्यावरण प्रेमियों का स्वागत किया। अभिनेता एवं गायक धर्मराज शर्मा ने शंकर भोले बम बम बम नेपाली भजन प्रस्तुत किया। गायक श्याम देव साहनी, समाजसेवी अजय भक्त, योग शिक्षक हरी पोखरेल, गायक शिव चंद्र शर्मा, होम बहादुर पोडेल, होम लाल प्रसाद, झविंद्र चौखाल, श्री नारायणी गंडकी महाआरती व्यवस्थापन समिति के कोषाध्यक्ष मोतीलाल ढकाल, गायक कार्तिक कुमार काजी , समाजसेवी संगीत आनंद आदि नारायणी गंडकी सम्मान से सम्मानित किए गए ।इस मौके पर नेपाल के वीर सिंह, दूरभाष कर्मी कामेश्वर श्रीवास्तव, मां सप्तचंडी ट्रस्ट के बालक दास बाबा, रविंद्र सिंह ,राजेश निगम, टेक राज तिमिल्सिना, अरविंद श्रीवास्तव, घुटन शर्मा, छट्ठू गुरु ,स्वरांजलि सेवा संस्थान ट्रस्ट की राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजली आनंद ,एडिटर स्वरांजलि सरगम, पुजारी हृदयेश मणि त्रिपाठी , थरुहट के गायक कार्तिक कुमार काजी, गायक सूरज कुमार ,विजय केसरी,चंदन मिश्रा, बबीता देवी,एवम् राकेश झा, आदि उपस्थित रहे। वाल्मीकि वसुधा परिवार द्वारा महाप्रसाद का इंतजाम किया गया। मंच संचालन डी आनंद ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन मोतीलाल ढकाल ने किया। दूधिया रोशनी में ढोल ,शंख, करताल की मधुर ध्वनि के बीच नारायणी गंडकी महाआरती की गई। इस मौके पर भारत नेपाल के संत महात्मा कलाकार बड़ी संख्या में उपस्थित थे । गंगा मैया की जय, नारायणी माता की जय, वाल्मीकि धाम की जय, त्रिवेणी धाम की जय आदि नारे घंटों गूंजते रहे। आगत सभी अतिथियों एवं भक्तों ने पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन का संकल्प लिया।
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