नाबालिग लड़के द्वारा बलात्कार किये जाने और उसे कानूनी तौर पर सजा दिलाए जाने पर आधारित फिल्म मर्दानी 2 के इंटरव्यू के दौरान रानी मुखर्जी ने निर्भया कांड, प्रियंका रेड्डी, 18 साल से कम उम्र के बलात्कारियों को बड़ों की तरह ट्रीट करने, कानूनी मुस्तैदी, लड़कियों को सेल्फ डिफेंस तकनीक सिखाने व निर्भीक बनाने और लड़कों को लड़कियों की इज्जत करने की सीख देने जैसी तमाम बातों पर रौशनी डाली.
रानी मुखर्जी ने निर्भया कांड के सात साल होने बावजूद लड़कियों की सुरक्षा के हालात को लेकर अफसोस जताया और हाल ही में हुए प्रियंका रेड्डी रेप प्रकरण पर कहा कि लड़कियों को चौकन्ना और पहले से और सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि रोजमर्रा की जिंदगी में लड़कियां घर नहीं बैठ सकती हैं, ऐसे में लड़कियों को आत्मरक्षा से जुड़ी ऐसी चीजें सिखाई जानी चाहिए, जिनके सहारे वो खुद ही रक्षा कर सकें.
रानी मुखर्जी ने नाबालिग बलात्कारियों को भी बालिग रेपिस्ट की तरह ट्रीट करने की बात कही. उन्होंने कहा कि जो (कम उम्र) लड़का रेप कर सकता है, तो उसे माफ (कड़ी सजा दी जानी चाहिए) नहीं किया जाना चाहिए. रेप तो रेप होता है. रानी ने कहा कि आज का दौर कुछ ऐसा है कि आप किसी की उम्र और शक्ल देखकर नहीं कह सकते हैं कि आपके साथ रेप नहीं होगा. एक बच्चा (नाबालिग) भी आपके साथ रेप कर सकता है.
रानी ने इस तरह का सख्त माहौल और इस कदर सख्त बनाने की सलाह दी कि कोई रेप करने के बारे में सोचे तक नहीं. रानी ने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी भी बलात्कारी को कानून के दायरे में ही सजा मिलनी चाहिए और आम लोग भी यही उम्मीद करते हैं, मगर जब कानूनी तरीके से लोगों को न्याय नहीं मिलता है, तभी वो अन्य (सड़क पर सरेआम मार देने) तरीकों से न्याय किये जाने की मांग करते हैं और ना उम्मीद होने पर भी धरना-प्रदर्शन करने पर मजबूर होते हैं.
रानी ने ऐसे मामलों में सुनवाई को फास्टट्रैक किये जाने की भी मांग की. रानी ने अपनी बेटी 4 साल की बेटी आदिरा का उदाहरण देते हुए कहा कि वो अभी से आदिरा से कहती हैं कि वो सबसे ज्यादा स्ट्रॉन्ग हैं और वो किसी भी हालत का मुकाबला कर सकती हैं. उन्होंने कहा हम हमेशा से ही लड़कों को हर चीज करने के लिए बढ़ावा देते हैं, मगर हमेशा से ही लड़कियों को रोकते-टोकते हैं. उन्होंने कहा कि मां-बाप को लड़के और लड़कियों की परवरिश में भेदभाव नहीं करना चाहिए.
लड़कों को लड़कियों, मां, बहन और बीवी से इज्जत से पेश आने की सीख देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब कोई बच्चा अपने ही घर में लड़कियों और महिलाओं के साथ बदसलूकी होते देखता है तो यह बातें उसके जेहन पर गहरा असर करती हैं और आगे चलकर वह खुद भी यही सब करता है.
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