प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष विमान से शनिवार की सुबह कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट पर उतरे तो सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ मंत्रिमंडल के सहयोगियों तथा केंद्रीय मंत्रियों ने स्वागत किया। नमामि गंगे के अभियान में लगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल गंगा कांउसिल की पहली बैठक में नमामी गंगे की परियोजनाओं का हाल जाना और उसमें गिर रहे नालों का जायजा लिया। प्रधानमंत्री अटल घाट पहुंचे और मां गंगा को नमन किया।
इसके बाद बोट में सवार होकर गंगा की अविरलता और निर्मलता का जायजा लिया। बोट से वह बंद हुए सीसामऊ नाले तक गए और वहां बने सेल्फी प्वाइंट को देखा। करीब 45 मिनट तक प्रधानमंत्री ने मां गंगा की गोद में बिताए। गंगा नदी में नाव से प्रदूषण तथा सफाई का जायजा लेने के बाद वापसी के समय पीएम नरेंद्र मोदी गंगा बैराज की सीढिय़ों पर फिसल गया। स्टीमर से गंगा नदी का जायजा लेने के बाद पीएम मोदी को नई दिल्ली रवाना होना था।
सीढिय़ों पर फिसले प्रधानमंत्री
अटल घाट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोट पर सवार होकर मां गंगा का हाल देखा। गंगा में यात्रा के बाद वह वापस घाट पर लौटे। बोट से उतरने के बाद वह सीढिय़ां चढ़कर ऊपर घाट की ओर जा रहे थे। इस बीच सीढ़ी पर उनका पैर फिसल और वह गिर पड़े। इसके बाद एसपीजी के जवानों ने उन्हें उठाया। इस दौरान मौके पर अफरा-तफरी मच गई। यहां से वापस सीएसए कृषि विवि पहुंचने के बाद हेलीकॉप्टर से चकेरी एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से प्रधानमंत्री दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
बताते चलें कि जिस सीढ़ी पर पैर फंसने की वजह से प्रधानमंत्री फिसल गए, उसी सीढ़ी पर पिछले दिनों निरीक्षण के लिए आने वाले करीब आधा दर्जन अधिकारी भी गिर चुके हैं। इस सीढ़ी को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने शुक्रवार रात चर्चा की थी। इस बारे में कमिश्नर सुधीर एम बोबडे ने बताया कि शुक्रवार रात ही एसपीजी को बता दिया गया था कि अटल घाट पर एक सीढ़ी ज्यादा ऊंची है। एसपीजी ने प्रधानमंत्री को भी सीढ़ी की स्थिति से अवगत करा दिया था। यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण हैं, इसके लिए निर्माण एजेंसी से बात करके जांच कराई जाएगी और सीढिय़ों को तोड़ा जाएगा।
प्रधानमंत्री चकेरी एयरपोर्ट पर उतरने के बाद हेलीकॉप्टर से चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय पहुंचे। यहां पर सबसे पहले चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर नमन किया और फिर नमामी गंगे मिशन के तहत प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नेशनल गंगा काउंसिल की पहली बैठक में शामिल हुए। करीब दो घंटे की लंबी बैठक में नमामि गंगे के अगले चरण और नए एक्शन प्लान को लेकर विमर्श के साथ ही कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
अटल घाट पर 100 मीटर की फ्लोटिंग जेटी से अत्याधुनिक सुरक्षा से लैस मोटर बोट में सवार होकर प्रधानमंत्री करीब 45 मिनट तक गंगा मां की गोद में रहकर स्थिति देखेंगे। अटल घाट पर लगी प्रदर्शनी में बिजनौर से वाराणसी तक पुरानी एवं नई गंगा से संबंधित 26 चित्रों का भी अवलोकन कर सकते हैं। साथ ही गंगा मां की अविरलता और निर्मलता के लिए एक्शन प्लान पर भी मुख्यमंत्रियों और अफसरों से विमर्श करेंगे।
प्रधानमंत्री समीक्षा बैठक में गंगा नदी से आच्छादित पांच राज्यों में से दो के मुख्यमंत्री तथा एक के उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में गंगा स्वच्छता से जुड़े कामों की समीक्षा की। 'नमामी गंगे' परियोजना की समीक्षा करने और पवित्र नदी पर योजना के प्रभाव देखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी कानपुर में गंगा नदी में नौकायन किया।
बैठक में नहीं पहुंचे बिहार के सीएम नीतीश कुमार
नमामि गंगा प्रोजेक्ट पर आयोजित इस बैठक में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शामिल हैं। बैठक में नीतीश कुमार का पहुंचना तय था, बिहार सीएम नीतीश कुमार के स्वागत में पोस्टर लग चुके थे, लेकिन नीतीश कुमार ने अपना कानपुर दौरा अचानक रद कर दिया। नीतीश कुमार की जगह डिप्टी सीएम सुशील मोदी बैठक में पहुंचे।
देर रात पूरी तरह तैयार हुआ बजरा
शुक्रवार देर रात प्रधानमंत्री को गंगा की जलधारा में भ्रमण कराने के लिए बजरा पूरी तरह तैयार कर लिया गया। देर रात 12 बजे करीब मंडलायुक्त सुधीर एम बोबडे, जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत, एसएसपी अनंत देव तिवारी, नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने वहां तैयारियां देखीं और बजरा पर चढ़ कर जायजा लिया।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) में होने वाली समीक्षा बैठक को लेकर अधिकारी काफी दिन से तैयारी में लगे हैं। पीएम मोदी सुबह 11 बजे सीएसए कानपुर पहुंचेंगे। दस मिनट तक नमामि गंगे परियोजना संबंधी कार्यों की प्रदर्शनी देखेंगे। इसके उनकी अध्यक्षता में बैठक शुरू होगी। बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, नौ केंद्रीय कैबिनेट व राज्यमंत्री शामिल होंगे। इसके साथ ही झारखंड और पश्चिम बंगाल सरकार से बैठक में प्रतिभाग करने संबंधी कोई सूचना नहीं आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी विशिष्ट जनों का स्वागत करेंगे। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बैठक की भूमिका रखेंगे। फिर नमामि गंगा संबंधी बिंदुओं और एजेंडे पर बैठक शुरू होगी।
उनके साथ समीक्षा बैठक में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, ग्राम्य विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवद्र्धन, पर्यावरण एवं वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पर्यटन एवं सांस्कृतिक राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, ऊर्जा राज्यमंत्री राजकुमार सिंह, आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री हरदीप पुरी तथा जहाजरानी मंत्री मनसुख मंडवीया रहेंगे। इनके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी रहेंगे।
कानपुर के अपने दौरे में प्रधानमंत्री 'नमामी गंगे' परियोजना को लेकर कुछ घोषणाएं भी कर सकते हैं। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कानपुर में गंगा नदी में सभी 16 नालों से बहने वाले 300 एमएलडी को गुरुवार रात से स्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। वहीं नदियों में प्रदूषक तत्वों को डालने वाले सीवर और नालियों के बंद होने से नदी के जल में उल्लेखनीय परिवतर्न नजर आएगा।
सीसामऊ नाला का करेंगे भ्रमण
पीएम मोदी सीसामऊ नाला का हाल भी देखेंगे। कानपुर में गंगा नदी की स्थिति को बद से बदतर करने वाला सीसामऊ नाला अब टैप हो चुका है। यह नाला रोजाना 145 एमएलडी जहर गंगा में उड़ेलता था लेकिन उसकी धारा अब बंद हो चुकी है। लंबे संघर्ष के बाद अधिकारियों ने इस नाले को बंद करने मे सफलता पायी है। नमामी गंगे योजना के तहत इस नाले को बंद किया गया है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस नाले पर खड़े होकर सेल्फी ली थी। 2017 में इसको बंद करने का कार्य शुरू किया गया था, और दो वर्ष बाद अब इस नाला को बंद करने में सफलता मिली है। यह कार्य 63.80 करोड़ रुपये की लागत से कार्य किया गया है।
कानपुर में विजेता की छवि को और पुख्ता करेंगे मोदी
चंद वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय राजनीति में असंभव को संभव बनाने वाली अपनी छवि गढ़ी है। इसमें अनुच्छेद 370 के खात्मे से नागरिक संशोधन विधेयक, एनआरसी इसके बड़े उदाहरण है। कानपुर में गंगा नदी की स्वच्छता की मुहिम भी एक ऐसा ही लक्ष्य था। इसे नमामि गंगे ने काफी हद तक सफल बना दिया है। कानपुर में गंगा किनारे ये आयोजन संदेश देगा कि भारतीय संस्कृति को जड़ों को सींचने में प्रधानमंत्री निष्काम भाव से जुटे हैं। इसका राजनीतिक असर गोमुख से गंगासागर ही नहीं वरन् गंगा में आस्था रखने वाले हर भारतवंशी तक पहुंचेगा।
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