प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को सरकार के दूसरे कार्यकाल में अलग-अलग मंत्रालयों के शुरुआती छह महीने के कामकाज की समीक्षा कर रहे हैं। समीक्षा के आधार पर ही मंत्रियों को रैंकिंग दी जाएगी और इसी आधार पर मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा। खराब प्रदर्शन करने वाले मंत्री को मंत्रिमंडल से हटाया भी जा सकता है।
सूत्रों ने बताया कि यह बैठक शाम तक चलने की संभावना है। बैठक में मंत्रालय अपने कामकाज की संक्षिप्त प्रस्तुति देंगे। बैठक में मुख्य रूप से कृषि, ग्रामीण विकास और सामाजिक क्षेत्र पर ध्यान दिया जाएगा। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब नागरिकता संशोधन कानून और प्रस्तावित एनआरसी को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
सूत्रों ने बताया कि आमतौर पर मंत्रिपरिषद् की बैठक हर महीने कैबिनेट की बैठक के बाद होती है, लेकिन इस बार यह बैठक अलग से हो रही है। नियमित कैबिनेट बैठक 24 दिसंबर को होगी। पिछले कुछ सप्ताहों में प्रधानमंत्री ने कैबिनेट की बैठक के दौरान सरकार की नीतियों को लागू करने को लेकर विभिन्न मंत्रालयों की ओर से हुई प्रगति की समीक्षा की है।
2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा सरकार बड़े जनादेश के साथ सत्ता में आई और नवंबर में सरकार को छह महीने पूरे हुए हैं। समीक्षा के लिए सभी मंत्रालयों को दस समूहों में बांटा गया है। हर समूह में आठ से दस मंत्रालय हैं। इनमें से पांच समूहों के पिछले छह महीने के कामकाज की समीक्षा की जा रही है। बाकी पांच समूहों की समीक्षा दो सप्ताह बाद होगी। इसमें मंत्रियों को अगले साढ़े चार साल के लिए विजन और लक्ष्य भी तय करने होंगे।
समीक्षा बैठक का भय मंत्रियों में ही नहीं, उनके विभागों के सचिवों में भी व्याप्त है। पिछले एक सप्ताह से सभी मंत्रालयों में अपने कामकाज की रिपोर्ट तैयार की जा रही थी। साथ ही भविष्य की रूपरेखा पर भी विचार मंथन चल रहा था।
0 टिप्पणियाँ