केंद्र सरकार ने सोमवार को साफ किया है कि पेट्रोल-डीजल पर किसी तरह का टैक्स कम नहीं होगा। वहीं यह जीएसटी के दायरे में नहीं आएगा क्योंकि यह पहले से ही जीएसटी के जीरो रेट कैटेगिरी में आता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि पूरी दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं है, जहां पर पेट्रोल-डीजल की कीमतें एक समय के स्थिर रहती हों।
जीएसटी में पहले से, फिर क्यों लाएं
जीएसटी के दायरे में पेट्रोल-डीजल को लाने के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह दोनों वस्तुएं पहले से ही जीएसटी में हैं। यह जीएसटी के शून्य रेट कैटेगिरी में आते हैं। इन रेट्स के बारे में जीएसटी परिषद निर्णय लेती है। इस परिषद में वित्त मंत्री अध्यक्ष होते हैं और राज्यों के वित्त मंत्री सदस्य।
टैक्स कम करने का कोई प्रस्ताव नहीं
वित्त मंत्री ने साफ किया कि पेट्रोल-डीजल पर किसी तरह का टैक्स घटाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। फिलहाल पेट्रोल की कीमत दिल्ली में 74 रुपये के पार चली गई है। इसके अलावा वित्त मंत्री ने साफ किया कि इन दोनों वस्तुओं पर कोई नया कर लगाने का भी प्रस्ताव नहीं है। केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल पर कई तरह के एक्साइज और कस्टम ड्यूटी लगाती है। इसके अलावा राज्य सरकार भी वैट और स्थानीय कर लगाते हैं।
किसानों को सब्सिडी पर डीजल देने के सवाल पर वित्त मंत्री ने किसी तरह का कोई उत्तर नहीं दिया और कहा कि यह केवल राज्य सरकारें कर सकती हैं।
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