बीआरडी मेडिकल कालेज के परिसर में रहने वाले एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र को डेंगू ने चपेट में ले लिया है। उसकी हालत नाजुक है। परिजनों ने उसे बीआरडी से रेफर कराकर निजी अस्पताल में भर्ती कराया है।
मेडिकल कालेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र राजेन्द्रा छात्रावास में रहता है। तीन दिन पहले उसे तेज बुखार हुआ। साथी उसे लेकर नेहरू अस्पताल पहुंचे। छात्र की हालत देखकर डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर लिया। रैपिड कार्ड की जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। साथी छात्रों ने इसकी सूचना परिवारीजनों को दे दी। गुरुवार को परिवारीजन बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। छात्र की हालत में सुधार न होता देख परिवारीजन चिंतित हो गए। शुक्रवार को परिवारीजन छात्र को रेफर कराकर निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया। ब ताया जाता है कि छात्र की हालत स्थिर बनी हुई है।
सकते में हैं हॉस्टल के छात्र : बीआरडी मेडिकल कालेज में इस वर्ष एमबीबीएस में 150 छात्रों ने प्रवेश लिया है। छात्रों को राजेन्द्र छात्रावास और छात्राओं को सरोजनी छात्रावास में कमरा आवंटित किया गया है। बताया जाता है कि राजेन्द्र छात्रावास में दो और छात्र बुखार से पीड़ित हैं। हालांकि उनमे डेंगू की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि कैंपस में छात्र सकते में हैं।
बीआरडी में नौ को हो चुका डेंगू : इस वर्ष बीआरडी कैंपस में डेंगू कहर बरपा रहा है। एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र से पूर्व चार रेजीडेंट समेत आठ को डेंगू हो चुका है। मेडिकल कालेज के रेजीडेंट एसोसिएशन के दो पदाधिकारियों को डेंगू हुआ था। इसके साथ ही ईएनटी और गायनी के दो और रेजीडेंट इसकी चपेट में आए। एमबीबीएस दूसरे वर्ष एवं अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे दो छात्र भी डेंगू की चपेट में आए हैं।
तीन और मरीजों में डेंगू की हुई पुष्टि
जिले में डेंगू का प्रकोप कम होता नजर नहीं आ रहा है। बीते दो दिनों में तीन मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही जिले में डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या 113 हो गई। नए मरीज तुर्कमानपुर, अलीनगर और बशारतपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों की सूचना नगर निगम को दे दी है।
सीएमओ को सूचना नहीं दे रहा है बीआरडी
डेंगू से जूझ रहे स्वास्थ्य महकमे को बीआरडी मेडिकल कालेज से कोई मदद नहीं मिल रही है। खबर है कि सीएमओ ने दो बार बीआरडी प्रशासन से डेंगू मरीजों की सूचनाएं मांगी। दोनों पत्रों के बाद भी बीआरडी प्रशासन ने सीएमओ को कोई सूचना नहीं दी है। बीआरडी के मामले में सीएमओ की लाचारगी साफ नजर आ रही है।
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