अमेरिका के इस कदम से बौखलाया चीन, आमने-सामने ट्रंप और जिनपिंग

अमेरिका के इस कदम से बौखलाया चीन, आमने-सामने ट्रंप और जिनपिंग


एशिया के स्वयंभु चौधरी चीन के माथे पर बल पड़े हैं। शिन जियांग प्रांत के उइगर मुसलमानों के मानवाधिकार छीनने से दुनिया का चौधरी अमेरिका खफा है। उसने अपनी संसद के निचले सदन में एक विधेयक पास किया है। यह विधेयक मुसलमानों के हक छीनने वालों पर प्रतिबंध की मांग करता है। चीन इससे तिलमिलाया हुआ है। उसका कहना है कि यह आंतरिक मामलों में दख़ल है।


इस विधेयक के पक्ष में 407 और विरोध में सिर्फ़ एक मत पड़ा। अब सीनेट इसे अपनी मंजूरी देगी। उसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस पर मुहर लगाएंगे। विधेयक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के इस व्यवहार की निन्दा करता है। अमेरिका ने चीन में अल्पसंख्यकों के इस उत्पीड़न के विरोध में करीब 30 चीनी कंपनियों पर पहले ही पाबंदी लगा दी थी। इसके बाद चीनी अफसरों को वीज़ा नहीं देने का ऐलान किया था।


ग़ौरतलब है कि शिनजियांग के दस लाख से अधिक मुस्लिमों के धार्मिक,राजनीतिक,सामाजिक और आर्थिक अधिकार छीन लिए गए हैं। उन्हें कहा गया है कि वे कुरान में कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों के मुताबिक़ अपने धर्म में बदलाव करें। करीब दो बरस पहले शिन ज़ियांग यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष प्रोफेसर ताशपोलत तियिक को चीनी पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया था और तब से उनकी कोई ख़बर नहीं है ।आशंका है कि उन्हें मार डाला गया है।


वैसे चीन का तर्क मासूम सा लगता है कि यह उसके अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप है। वह भारत के कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को भारत का आंतरिक मामला नहीं मानता। वह म्यांमार के रोहिंग्या मसले में भी दख़ल देता है।


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