राज्यसभा में बुधवार को अर्थव्यवस्था पर चर्चा का जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि विकास दर में कमी जरूर आई है।लेकिन मंदी का माहौल नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मंदी यहां कभी नहीं आएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'देश की सकल घरेलू उत्पाद विकास दर 2009-2014 के अंत में 6.4% रही, जबकि 2014-2019 के बीच यह 7.5% पर रही थी.'
उन्होंने आगे कहा, 'अगर आप अर्थव्यवस्था को विवेकपूर्ण तरीके से देख रहे हैं तो आप देख सकते हैं कि विकास दर में कमी जरूर आई है, लेकिन अभी तक मंदी का माहौल नहीं है और मंदी कभी नहीं आएगी.'
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा, 'एनडीए सरकार में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन बेहद ही अच्छा रहा है. हमारी सरकार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में बढ़ोतरी हुई है.'
उन्होंने आगे कहा कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार में सुधार परसेप्शन पर आधारित है, क्योंकि यह सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर निर्भर कर रहा है. साल 2009-14 के दौरान 189.5 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया, जबकि एनडीए की सरकार में महज पांच वर्षों में 283.9 अरब डॉलर का निवेश आया.
25 नवंबर को लोकसभा में लिखित सवालों पर जवाब देते हुए वित्तमंत्री निर्मला ने कहा कि हाल के सालों में कई संरचनात्मक सुधार शुरू किए गए हैं. देश के वित्तीय प्रणाली की मजबूती व पारदर्शिता के लिए इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) की शुरुआत एक महत्वपूर्ण कदम है.
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था से कालेधन को निकालने, कर आधार को बढ़ाने व समावेशी वृद्धि की औपचारिकता को बढ़ाने के लिए नोटबंदी एक जरूरी कदम था. देश की वृद्धि कई कारकों पर निर्भर है, जिसमें संरचनात्मक, बाह्य, वित्तीय एवं मौद्रिक कारकों पर निर्भर करती है. नोटबंदी के प्रभाव को जानने के लिए कोई प्रत्यक्ष या अलग से डाटा उपलब्ध नहीं है.
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