लखनऊ: मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश के पांच जिलों में मेडिकल कॉलेज बनाने को हरी झंडी दे दी है। इसी के साथ केंद्र की सहायता से बनने वाले 14 मेडिकल कॉलेजों में से पांच का रास्ता साफ हो गया है। यह पांच मेडिकल कॉलेज ललितपुर, बिजनौर, गोंडा, कुशीनगर और सुल्तानपुर में बनेंगे।
दरअसल, केंद्र सरकार जिला अस्पतालों को अपग्रेड करना चाहती है। यही वजह है कि 60-40 की हिस्सेदारी के तहत मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए प्रदेश सरकार से जिलों में मेडिकल कॉलेज बनने के लिए प्रस्ताव मांगा था। जिन पांच मेडिकल कॉलेजों को प्रशासनिक मंजूरी दी गई है, उनमें साल 2022 से 100-100 सीटों से एमबीबीएस की पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी। हालांकि, अभी प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग की मंजूरी मिलना बाकी है। उम्मीद है कि जल्द ही वहां से भी स्वीकृति मिल जाएगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग कार्यदायी संस्था की तलाश कर रहा है। सब सही रहा तो अगले साल फरवरी से निर्माण कार्य भी चालू हो जाएगा।
बता दें, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक कमेटी की बैठक हुई थी, उसमें प्रदेश सरकार के 14 मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव आए थे। हालांकि, उनमें से सिर्फ पांच जिलों के मेडिकल कालेजों पर विचार किया गया। क्योंकि ललितपुर, कुशीनगर, बिजनौर, गोंडा और सुलतानपुर के जिला अस्पतालों के पास मानक के अनुसार 300 बेड हैं। यही नहीं, इन जिलों के प्रशासन ने अस्पताल से 10 किमी के भीतर कॉलेज के लिए जमीन भी खोज ली है। इन पांच जिलों के अलावा जिन जिलों के लिए प्रदेश सरकार ने अस्पतालों को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज बनाने का प्रस्ताव स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा है, उनमें बुलंदशहर, औरैया, अमेठी, कौशाम्बी, कानपुर देहात, सोनभद्र, चंदौली, पीलीभीत और लखीमपुर- खीरी के नाम शामिल हैं।
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