मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक नवंबर में कोहरे वाले दिनों की औसत संख्या दो है ऐसे में इस बार नवंबर में कोहरे वाले दिनों की संख्या औसत से 10 गुना अधिक

मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक नवंबर में कोहरे वाले दिनों की औसत संख्या दो है ऐसे में इस बार नवंबर में कोहरे वाले दिनों की संख्या औसत से 10 गुना अधिक


ठंड के रौ में आने से पहले ही कोहरे ने न केवल अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है बल्कि इसे लेकर नए रिकॉर्ड भी बनने शुरू हो गए हैं। नवंबर में कोहरे के दिनों का आंकड़ा इसकी पुष्टि है। नवंबर के 28 में से 20 दिन कोहरे वाले रहे हैं। इसमें से भी छह दिन शून्य दृश्यता वाले रिकॉर्ड किए गए हैं। मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय के मुताबिक 2019 के नवंबर का यह आंकड़ा बीते 29 वर्षों में सर्वाधिक है।


पुरवा हवाओं ने बढ़ाई परेशानी


मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक नवंबर में कोहरे वाले दिनों की औसत संख्या दो है। ऐसे में इस बार नवंबर में कोहरे वाले दिनों की संख्या औसत से 10 गुना अधिक है। उन्होंने बताया कि कोहरे के इस आंकड़े की वजह नमी और पुरवा हवाएं हैं। सितंबर में हुई औसत से अधिक बारिश से मिट्टी की नमी बरकरार है। पूरे महीने आर्द्रता का प्रतिशत 75 फीसद से अधिक रहा। इसके अलावा देर रात से लेकर दोपहर तक अनवरत चल रही पुरवा हवाओं ने धूल के कणों के साथ मिलकर कोहरा बनाया है। दोपहर बाद वायुमंडल के ऊपरी सतह पर पछुआ हवाओं के चलने के कारण कई बार ऊपर निम्न वायुदाब क्षेत्र बना तो उसके प्रभाव स्वरूप निचले वायुमंडल में उच्‍च वायुदाब प्रभावी हुआ है। इसकी वजह से भी कोहरा और प्रभावी हो गया।


पछुआ हवाओं के चलते ही बढ़ेगी ठंड


मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक बीते सप्ताह दो दिन पछुआ हवाएं चलीं तो पारा नीचे आ गया लेकिन जब हवाओं का रुख पुरवा हुआ तो कोहरा के साथ तापमान भी बढ़ गया। 24 तक पहुंच चुका अधिकतम तापमान गुरुवार को बढ़कर एक बार फिर 28 के पार चला गया। उत्तरी पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के ऊपर बने पश्चिमी विक्षोभ के चलते पहाड़ों पर बर्फ पड़ रही है और प्रदेश के पश्चिमी हिस्से तक बारिश देखने को मिल रही है। कुछ स्थानों पर ओले भी पड़े हैं। ऐसे में जैसे ही पछुआ हवाएं चलेंगी, पूर्वी उत्तर प्रदेश में ठंड बढ़ जाएगी। वर्तमान वायुमंडलीय परिस्थितियों के मुताबिक दो से तीन दिन में यह सिलसिला शुरू हो जाएगा।


कोहरे का कहर, पांच की गई जान


घने कोहरे में वाहनों की तेज रफ्तार लोगों के लिए काल बनती जा रही है। गुरुवार सुबह गोरखपुर और कुशीनगर में हुए दो हादसों में पांच लोगों की जान चली गई। कुशीनगर में एनएच 28 पर पटहेरवा व तरयासुजान थानाक्षेत्र के सीमा झरही नदी के पुल के पास तेज रफ्तार ट्रक ने सड़क पार कर रहे पांच लोगों को कुचल दिया। पटहेरवा थानाक्षेत्र के भरपटिया गांव की युवती और किशोरियां पीडिय़ा विसर्जित करने नदी के तट पर गई थीं। उनके साथ गांव के लड़के भी थे। घटना के वक्त घना कोहरा था। हादसे में राघव कुशवाहा (10) पुत्र राजेश कुशवाहा की घटनास्थल पर ही  मौत हो गई। प्रमोद चौहान (25) पुत्र राजेंद्र चौहान व घायल कुमारी मुन्नी (18), कुमारी आरती (13) व कुमारी सरोज (15) को तमकुही सीएचसी ले जाया गया। प्रमोद की स्थिति गंभीर देख चिकित्सकों ने उसे गोरखपुर मेडिकल रेफर कर दिया, जिसकी फाजिलनगर के समीप रास्ते में मौत हो गई। पुलिस ने ट्रक को कब्जे में ले लिया है।


वहीं गोरखपुर में गुरुवार सुबह आठ बजे लखनऊ से आ रही कार पिपराइच थानाक्षेत्र के कोनी फोरलेन तिराहे पर कोहरे के कारण गलत लेन में घुस गई। कार की कुशीनगर से गोरखपुर की तरफ आ रही परिवहन निगम की अनुबंधित बस से जोरदार टक्कर हो गई, जिसमें कार सवार दरभंगा (बिहार), कामटाउन थानाक्षेत्र के पनियरा गांव निवासी अनिल कुमार, प्रभु नारायण पाठक की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं दरभंगा के जाले निवासी सुरेश कामत, मधुबनी के जगवन निवासी संजीत कुमार और दरभंगा, कामटाउन के पनियरा गांव निवासी शत्रुघ्न ठाकुर गंभीर रूप से घायल हो गए। मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर डॉक्टर ने सुरेश कामत को मृत घोषित कर दिया।


45 मिनट ठप रहा आवागमन


हादसे के बाद फोरलेन पर 45 मिनट तक आवागमन बाधित रहा। मौके पर पहुंचे एसपी नार्थ अरविंद पांडेय, सीओ चौरीचौरा रचना मिश्र ने क्रेन से गाडिय़ों को किनारे कराया।


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