नक्सलियों के गढ़ में लोकतंत्र का जश्न मना। मतदाता सारी आशंकाओं और नक्सलियों के मंसूबे को धत्ता बताते हुए अपने घरों से निकले और भयमुक्त होकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसका नतीजा हुआ कि पहले चरण की 13 सीटों पर लगभग 64.44 फीसद वोट पड़े। यह पिछले विधानसभा चुनाव से 1.15 फीसद अधिक है। पिछले विधानसभा चुनाव में 63.27 फीसद वोट पड़े थे। शनिवार को इन सभी 13 सीटों के अधिसंख्य मतदान केंद्रों पर निर्धारित समय सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया। कुछ मतदान केंद्रों में ईवीएम या वीवीपैट में गड़बड़ी सामने आई। लेकिन उन्हें दुरुस्त कर या बदलकर मतदान प्रारंभ कराया गया।
सुबह से मतदाताओं में लोकतंत्र के पर्व का उमंग दिखा। पुरुषों से अधिक महिलाएं कतार में दिखे। बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओ के अलावा बड़ी संख्या में 18 से 19 वर्ष के मतदाताओं ने भी अपने मताधिकार का उपयोग किया। इधर, निर्वाचन आयोग और पुलिस प्रशासन की चुस्ती और ठोस तैयारी के कारण नक्सलियों का कोई मंसूबा पूरा नहीं हुआ।हालांकि नक्सलियों ने सुबह में ही गुमला के घाघरा स्थित कठठोकवा पुल को उड़ाने के प्रयास में कुछ दूरी पर आईडी विस्फोट किया। इसके बावजूद इससे किसी तरह की जान-माल की क्षति नहीं हुई।पुल को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
दूसरी बड़ी घटना के तहत डालटनगंज में कांग्रेस प्रत्याशी सह पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने एक मतदान केंद्र पर भाजपा के प्रत्याशी आलोक चौरसिया के समर्थकों पर पिस्तौल लहराया। निर्वाचन आयोग के समक्ष यह मामला आने के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने निर्वाची पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से अविलंब रिपोर्ट तलब की। उनके निर्देश पर पुलिस ने त्रिपाठी से पिस्तौल जब्त कर उनसे पूछताछ की गई। इस मामले में दो प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। घटना के संबंध में पूछे जाने पर त्रिपाठी ने कहा कि उनपर हमला हुआ था। इसलिए आत्मरक्षा में यह कदम उठाया। एक अन्य बड़ी घटना में हुसैनाबाद में आजसू प्रत्याशी ने एक मतदान केंद्र पर हंगामा किया।
189 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद
पहले चरण की 13 सीटों पर मतदान सम्पन्न होने के बाद कुल 189 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएममें कैद हो गया। इनमे 15 महिला प्रत्याशी शामिल हैं।
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