कुंभ मेले के बाद अब योगी सरकार संगम तट पर लगने वाले माघ मेले को भी भव्य बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. यहां पर टेंट सिटी बसाने का काम तेजी से चल रहा है.मेले को इस बार पांच सेक्टरों में बसाया जाएगा. वहीं स्नानार्थियों की सुविधा के लिए पांच पांटून पुल होंगे. इस बार 10 जनवरी, 2020 से माघ मेले की शुरुआत होगी. मेला करीब दो हजार बीघे में बसाया जाएगा. स्नान घाट का क्षेत्रफल भी बढ़ा दिया गया है. लगभग पांच किमी रनिंग एरिया में स्नान घाट बनाए जाएंगे.
मान्यताओं के मुताबिक़ प्रयाग के माघ मेले में पौष पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए सभी तैंतीस करोड़ देवी-देवता भी अदृश्य रूप में यहां पर आते हैं, इसीलिये देश के कोने - कोने से लाखों श्रद्धालु गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती की पावन धारा में डुबकी लगाकर दान-उपासना दूसरे संस्कारों के जरिये पुण्य लाभ अर्जित करथे हैं.
संगम पर कल्पवास करने वालों को न सिर्फ अपार पुण्य हासिल होता है, बल्कि उन्हें जीवन- मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष प्राप्त होता है.
दूधिया रोशनी से जगमग रहेगा संगम क्षेत्र
मेलाधिकारी रजनीश कुमार मिश्र ने कहा, "इस बार क्षेत्रफल बड़ा होने के कारण व्यवस्था और ज्यादा करनी पड़ रही है. पूरा संगम क्षेत्र दूधिया रोशनी से जगमग रहेगा. पूरे परिक्षेत्र में एलईडी लगाई जाएगी. चार वाच टॉवर के साथ ही आठ हाईमास्ट भी लगाए जाएंगे. संगम से लेकर काली मार्ग तक सेक्टर एक में होगा. इसी सेक्टर में सरकारी विभागों के कार्यालय, कंट्रोल रूम, पुलिस लाइन और मीना बाजार व झूले होंगे. इस बार 12 हजार एलईडी लगेगी. कुल 20 उपकेंद्र रहेंगे. भूले-भटके शिविर को हाईटेक किया जाएगा. जलापूर्ति के लिए 18 नलकूप लगाए जा रहे हैं. कुल 162 किमी पेयजल की पाइप लाइन बिछाने की व्यवस्था हो रही है."
बनाए जाएंगे छह बड़े स्नान घाट
उन्होंने बताया कि सेक्टर एक को छोड़कर सभी सेक्टरों में कल्पवासियों को बसाया जाएगा. सेक्टर दो काली मार्ग से नागवासुकी तक होगा, जबकि सेक्टर तीन, चार और पांच झूंसी क्षेत्र में होगा. मेले में पांच किमी तक के छह बड़े स्नान घाट बनाए जाएंगे.
स्वास्थ्य सेवाओं का होगी व्यापक व्यवस्था
मिश्र ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं के मद्देनजर मेले में 20-20 बेड के दो हॉस्पिटल, तीन आयुर्वेदिक और तीन होम्योपैथिक चिकित्सालयों की स्थापना की जा रही है. 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए जाएंगे. हर सेक्टर में दो-दो पीएचसी बनाए जाएंगे.
माघ मेले के दौरान 225 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी
उन्होंने कहा कि माघ मेले को लेकर उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर), उत्तर रेलवे (एनआर) और पूवरेत्तर रेलवे (एनईआर) ने भी कमर कस ली है. रेलवे ने माघ मेले के दौरान 225 स्पेशल ट्रेनों को चलाने की योजना बनाई है. भीड़ अधिक होने पर अतिरिक्त ट्रेनें भी चलाई जाएंगी. 160 मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन उत्तर मध्य रेलवे करेगा। शेष 65 ट्रेनें उत्तर रेलवे और पूवरेत्तर रेलवे चलाएगा.
सुरक्षा की कमान संभालेंगे अर्धसैनिक बल
माघ मेला में अक्षयवट की सुरक्षा के लिए पुलिस थाना बनाया जाएगा. इसके लिए अलग से एसडीए और सीओ तैनात किए जाने हैं. इसके अलावा अर्धसैनिक बल की एक कंपनी लगाई जाएगी.
दो जोन और छह सेक्टरों में बांटा जाएगा मेला क्षेत्र
माघ मेला की सुरक्षा की दृष्टि से इस बार 13 पुलिस थाने और 40 पुलिस चौकियां बनाई गई हैं. पुलिस ने मेला क्षेत्र को दो जोन और छह सेक्टरों में बांटा है.
मिश्र ने बताया, "माघ मेले की तैयारियां जोरों पर है. 20 दिसम्बर तक पूरा मेला बसा दिया जाएगा. इसके लिए सभी विभागों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. अक्षयवट दर्शन के लिए रास्ते की सफाई होने के बाद तकनीकी जांच होगी, इसके बाद यदि कुछ मरम्मत की आवश्यकता होगी तो कराई जाएगी."
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