पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में लोगों के लिए अपनों से बिछड़ने की समस्या लगातार बड़ी होती जा रही है। केंद्र सरकार के मुताबिक 2015 से 2017 के बीच इन आठ राज्यों से करीब 28 हजार लोग लापता हुए, जिनमें महिलाओं और बच्चों की संख्या ज्यादा है।
गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बुधवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने लिखित जवाब में बताया कि कुल 27,967 लोगों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज हुई है। इनमें से 19,344 लोग अकेले असम से ही है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि इस दौरान 5,130 लोगों को ढूंढने में सफलता हासिल हुई है।
इसके अलावा त्रिपुरा से 4,455, मेघालय से 1385, मणिपुर से 999, सिक्किम से 974, अरुणाचल प्रदेश से 457, नगालैंड से 343 और मिजोरम से 10 लोग लापता हुए हैं। उन्होंने कहा कि साल 2018 और 2019 की जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है।
असम से सबसे ज्यादा लापता :
असम से लापता होने वालों में बच्चे और महिलाएं ज्यादा हैं। साल 2015 में इस राज्य से 2169 बच्चे, 2613 महिलाएं और 1528 पुरुषों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई। इसके अगले साल 2413 बच्चे, 3439 महिलाएं और 2130 पुरुष लापता हुए। वर्ष 2017 में 1651 बच्चे, 2453 महिलाएं और 948 पुरुषों के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज हुई।
मिजोरम में तीन साल में सिर्फ 10 लापता
मिजोरम में स्थिति असम से ठीक उलट है। यहां साल 2017 में सिर्फ एक बच्चे के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज की गई। जबकि 2016 में यहां कोई लापता ही नहीं हुआ। इसी तरह 2015 में तीन बच्चे, एक महिला और सिर्फ पांच पुरुषों के खो जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
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