जनपद में पराली जलाने वाले 11 किसानों को गिरफ्तार कर भेजा गया जेल 

जनपद में पराली जलाने वाले 11 किसानों को गिरफ्तार कर भेजा गया जेल 


वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा पराली जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है. इस प्रतिबंध के उल्लंघन के आरोप में जनपद के 11 किसानों को सोमवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. जिला प्रशासन ने पराली जलाने की सूचना मिलने के बाद भी किसानों को नहीं रोक पाने के मामले में छाता तहसील के दो लेखपालों को ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया है.छाता के उप जिलाधिकारी नितिन गौड़ ने बताया, जिला प्रशासन को मथुरा के छाता, कोसीकलां, शेरगढ़ व चैमुहां इलाके में पराली जलाने की सूचना लगातार मिल रही थी. इन पर अंकुश लगाने के लिए जिलाधिकारी ने 39 अफसरों की ड्यूटी लगाई थी. लेकिन इनमें से अब तक एक बार भी मौके पर जाकर स्थिति को न देखने वाले बरका गांव के लेखपाल विजय सिंह एवं बिजवारी प्रथम क्षेत्र के लेखपाल दिनेश कुमार को निलंबित कर उनके खिलाफ जांच का आदेश दिया गया है.उन्होंने बताया कि पुलिस ने छाता में पराली जलाने पर गुलाब निवासी जाब, पूरन निवासी नरी, वीरमती पत्नी पूरन निवासी नरी, वीरपाल निवासी दद्दीगढ़ी, पप्पू निवाली भदावल, कोसीकलां में ओमी निवासी कमलानगर, तथा शेरगढ़ में पैगांव निवासी अशोक, महेंद्र, राजू, विशंभरा निवासी साहिल को गिरफ्तार किया है.इन सभी के विरुद्ध वातावरण प्रदूषित करने की धारा 278 व 290 के तहत चालान कर सोमवार को जेल भेज दिया गया. उन्होंने बताया, इनके अलावा सैटेलाइट से मिली सूचनाओं और वीडियो के माध्यम से छाता इलाके में 300 से अधिक पराली जलाने की घटनाओं की सूचना मिली. इन घटनाओं की पुष्टि होने के बाद इन किसानों द्वारा बोए गए धान के रकबे के अनुसार कुल 13 लाख पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है.


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