जनपद गोरखपुर से फर्जी आरक्षी बनकर नौकरी करने वाले एक अभियुक्त को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान अजय कुमार चतुर्वेदी पुत्र ओकांर नाथ चतुर्वेदी निवासी-लहुरा देवा थाना कोतवाली खलीलाबाद संतकबीरनगर के रूप में हुई है।
बता दें कि एसटीएफ उत्तर प्रदेश को सूचना प्राप्त हुई कि एक व्यक्ति सिपाही बनकर, सिपाही की वर्दी पहनकर स्वंय को आरक्षी बताकर जनपद गोरखपुर में ड्यूटी कर रहा है। इस संबंध में अधिकारियों द्वारा जांच के आदेश दिए गए थे। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।पूछताछ पर गिरफ्तार अभियुक्त अजय कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि मैं सिपाही नहीं हूं। यह भी बताया कि वर्ष 2014 में जनपद संतकबीरनगर में तत्कालीन उपजिलाधिकारी घनघटा से संपर्क कर यह बताया कि मैं आरक्षी हूं और पुलिस लाइन में मेरी ड्यूटी उनके साथ लगी है। वर्ष-2015 में उपजिलाधिकारी घनघटा का स्थानान्तरण सिद्धार्थनगर हो गया, फिर वह जनपद सिद्धार्थनगर जाकर पूर्व में घनघटा में नियुक्त उपजिलाधिकारी के साथ ड्यूटी करने लगा।
जब लोगों को सत्यता का पता चला तो वहां से भाग गया। पुनः वर्ष 2017 में जनपद फैजाबाद में तत्कालीन उपजिलाधिकारी, रूदौली के यहां यही बताकर कि पुलिस लाइन से मेरी ड्यूटी लगी है, उनके साथ ड्यूटी करने लगा। वर्ष 2019 में फरवरी मार्च में तहसील खजनी जनपद गोरखपुर में तत्कालीन उपजिलाधिकारी थे, उनको मैंने बताया था कि जनपद पुलिस लाइन गोरखपुर से मेरी ड्यूटी लगी है फिर उनके स्थानान्तरण के बाद नियुक्त अन्य उपजिलाधिकारी के साथ ड्यूटी की।वर्तमान समय में उपजिलाधिकारी, खजनी के साथ आरक्षी के तौर पर ड्यूटी करने लगा। आमदनी और सिपाही की वर्दी पहनकर ड्यूटी करने के संबंध में पूछा गया तो बताया कि जो व्यक्ति किसी काम से उपजिलाधिकारी के पास आता था उनसे अपना परिचय आरक्षी के तौर पर बताकर उनका काम कराने का झांसा देकर अनुचित लाभ प्राप्त कर लेता था। उल्लेखनीय है कि वह फरवरी 2018 में गिरफ्तार हो गया था। जिसके संबंध में थाना रूदौली जनपद फैजाबाद में अजय कुमार चतुर्वेदी उपरोक्त पर धारा 42/2018, 171/419/420 में मुकदमा पंजीकृत है। वर्तमान में वह जमानत पर है। फिलहाल आगे की जांच स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।
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