गोडसे पर साध्वी प्रज्ञा ने संसद में मांगी माफी, कहा- मेरे बयान को गलत समझा गया

गोडसे पर साध्वी प्रज्ञा ने संसद में मांगी माफी, कहा- मेरे बयान को गलत समझा गया

भोपाल से भाजपा सांसद साध्‍वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को अपनी सफाई पेश की और खेद जताया। उन्‍होंने कहा, 'मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया।  लेकिन यदि किसी को ठेस पहुंची तो उसके लिए मुझे खेद है और मैं माफी मांगती हूं।'  प्रज्ञा ठाकुर को आतंकी कहने पर राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्‍ताव रखा गया। प्रज्ञा ठाकुर के मुद्दे पर लोकसभा स्‍पीकर ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। 





राहुल गांधी पर साध्‍वी का हमला


साथ ही उन्‍होंने नाम लिए बगैर राहुल गांधी पर भी हमला किया।  उन्‍होंने कहा, ' सदन के एक सदस्‍य ने मुझे आतंकी कहा जबकि मुझ पर अभी कोई आरोप साबित नहीं हुआ है। बिना आरोप आतंकी कहना गैर कानूनी है। मुझे शारीरिक और मानसिक तौर प्रताडि़त किया गया। मेरे सम्‍मान पर हमला कर अपमानित किया गया।' बता दें कि प्रज्ञा ने आज भाजपा के कार्यकारी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।


साध्‍वी प्रज्ञा को जलाने की धमकी


दूसरी ओर कांग्रेस के एक विधायक ने साध्‍वी प्रज्ञा के इस विवादित बयान पर क्रोध प्रकट करते हुए उन्‍हें जलाने की धमकी तक दे डाली है। विधायक ने कहा, 'मैं केवल सांसद का पुतला नहीं  बल्कि उन्‍हें ही जला दूंगा ।' लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'हमारी केवल एक मांग है, हम बि‍ना शर्त सांसद की माफी चाहते हैं।'


वहीं भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सदन में कहा, 'किसी महिला को आतंकवादी कहना महात्‍मा गांधी के हत्‍यारे को देशभक्‍त बताने से कहीं अधिक बड़ा अपराध है।' उन्‍होंने आगे कहा, 'महाराष्‍ट्र में कांग्रेस ने शिवसेना के साथ सरकार बनाई। शिवसेना ने नाथूराम गोडसे को सामना में देशभक्‍त बताया। कांग्रेस सत्‍ता और लालच के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है।'


अपनी पार्टी भाजपा ने किया किनारा


गुरुवार को संसद में नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने के बाद प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर उनकी अपनी पार्टी भाजपा ने उनसे किनारा कर लिया। संसद में गोडसे को देशभक्‍त बताए जाने वाले बयान पर प्रज्ञा के खिलाफ सरकार ने कड़ी कार्रवाई की संसदीय दल की बैठक में भाग लेने पर रोक लगाने के साथ ही रक्षा मंत्रालय की सलाहकार समिति से भी प्रज्ञा को बाहर कर दिया।


जानें पूरा मामला-


प्रज्ञा ठाकुर ने पहले ही सफाई देते हुए बताया कि उन्‍होंने गोडसे के लिए कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा, 'मैंने ए. राजा को तब टोका जब उन्होंने उधम सिंह का नाम लिया। उसके बाद स्पीकर ने मुझे बैठने के लिए कहा और मैं बैठ गई।' गुरुवार को लोकसभा में द्रमुक सांसद ए राजा ने एसपीजी संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा, 'महात्मा गांधी हत्याकांड में अपील दायर की गई। उस वक्‍त गोडसे द्वारा अदालत में दिए एक बयान को पेश करने की इजाजत चाहता हूं।' गोडसे का बयान अभी उन्‍होंने पढ़ना ही शुरू किया था कि प्रज्ञा ने बीच में हस्‍तक्षेप किया और गोडसे को देशभक्‍त बताया। इसके बाद ही लोकसभा में हंगामा शुरू हो गया। प्रज्ञा के बयान को रिकार्ड से हटा दिया गया।


हालांकि इसपर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रज्ञा सिंह का पक्ष लिया और कहा, 'उन्‍होंने उधम सिंह के नाम पर आपत्ति जताई थी उस वक्‍त उनका माइक ऑन नहीं था। इसलिए बात समझ नहीं आई। उन्‍होंने गोडसे के बारे में कुछ नहीं कहा।


पार्टी नेतृत्‍व को कई बार झेलनी पड़ी है शर्मिंदगी


विवादित बयानों के कारण लगातार सुर्खियों में रहने वाली प्रज्ञा ठाकुर के कारण पार्टी नेतृत्‍व को कई बार शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। जब पार्टी ने प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई की तब उन्‍होंने अपनी प्रतिक्रिया एक ट्वीट के जरिए दिया। ट्वीट में उन्‍होंने लिखा, 'कभी कभी झूठों का बवंडर इतना घना होता है कि दिन में रात जैसा अंधकार छा जाता है। लेकिन सूर्य अपनी चमक नहीं खोता। लोगों को भी इसी तरह गलतफहमी में नहीं पड़ना चाहिए।'


इसके पहले भी गोडसे को बता चुकीं हैं देश भक्‍त


लोकसभा चुनाव में जीत के बाद भी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि महात्‍मा गांधी की हत्‍या गोडसे ने नहीं की थी जिसकी कड़ी आलोचना की गई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां तक कह दिया था कि इसके लिए वे प्रज्ञा को कभी दिल से माफ नहीं करेंगे।





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