मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 20 साल पहले गोरखपुर की पहचान माफिया और मच्छर से थी। अब न माफिया हैं और न ही मच्छर। गोरखपुर विकास के साथ जुडऩे का जज्बा स्थापित कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को नगर निगम परिसर में नगर निगम सदन भवन का शिलान्यास करने के बाद आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज देश के चुनिंदा शहर के रूप में गोरखपुर की पहचान बन रही है। कहा कि इलेक्ट्रिक बसों के चलने से न तो ध्वनि और न ही वायु प्रदूषण होगा।
हर वार्ड में बनेंगे नोडल अफसर
मुख्यमंत्री ने कमिश्नर को निर्देश दिए कि शहर में हो रहे कार्यों में मानक का पालन, समयसीमा के भीतर कार्य पूरा कराने के लिए हर वार्ड में नोडल अफसर बनाएं। सड़कें इतनी मजबूत बनाई जाएं कि वह 15-20 साल तक चलें।
बिना टैक्स बढ़ाए अपने पैरों पर खड़ा हो नगर निगम
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगम को अपनी इन्कम खुद बनानी है। इसके लिए बिना टैक्स बढ़ाए काम करना होगा। जितने कर दाता हैं उनका टैक्स समय से जमा कराएं। नगर निगम के नए सदन भवन में पार्किंग के साथ व्यावसायिक दुकानें भी होंगी। इससे भी नगर निगम की आय होगी।
प्रधानमंत्री आवास की दी चाबी
मुख्यमंत्री ने अपने हाथ से धर्मावती, सरिता, साइरा खातून, आलम, इंदु देवी, सविता, झिनकी, खेतनी, माया, रामसागर, राधे, फूलमती देवी को प्रधानमंत्री आवास की चाबी दी। शनिवार को 500 लाभार्थियों को आवास की चाबी दी गई है।
122 साल का इतिहास संजोएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगम भवन का इतिहास 122 साल पुराना है। भवन गोरखपुर की नगरीय व्यवस्था का हिस्सा रहा है। इस भवन को संग्रहालय के रूप में विकसित करें। स्थापना काल से अब तक नगर पालिका, नगर महापालिका, नगर निगम के रूप में हुई विकास यात्रा में जितनी विभूतियों ने अपना योगदान दिया उनके चित्र के साथ इतिहास भी लिखा जाए। नए भवन में जब नगर निगम का सदन संचालित हो तो इससे पहले पुराने भवन में ले जाकर पार्षदों को इतिहास की जानकारी दें।
बदलेगा सदन भवन का नक्शा
नगर निगम के प्रस्तावित सदन भवन का नक्शा बदला जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अफसर इसकी कवायद में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि नया सदन भवन इस तरह बने कि वह गोरखपुर की पहचान बन सके।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था के लिए योजना बनाएं। जलजमाव से मुक्ति के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाएं। स्मार्ट एंड सेफ सिटी के रूप में शहर को विकसित करें। नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाएं। सफाईकर्मियों के मानदेय के साथ ही विकास कार्यों को खुद नगर निगम करा सके। 150 साल बाद शहर की जनसंख्या के हिसाब से नगर निगम सदन भवन में पार्षदों, कर्मचारियों और नागरिकों के बैठने की व्यवस्था हो। चुनौतियों के बीच जमीन से जुड़ी समस्याओं का समाधान कराएं पार्षद
ठंड में सड़क पर कोई भी सोता नहीं मिलना चाहिए। सभी को रैन बसेरा में पहुंचाने की अफसर करें व्यवस्था। सड़क किनारे रात में भी न लगें ठेला-खोमचा। महापौर, विधायक और पार्षद शाम पांच बजे के बाद सड़क पर निकलें और जरूरतमंदों को कंबल बांटें। अपात्रों को कंबल देंगे तो खुद को पाप लगेगा
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