महाराष्ट्र में कई दिनों से सरकार बनाने के लिए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच बातचीत का दौर चल रहा था कि अचानक सारा खेल ही पलट गया. इस बड़े राजनीतिक फेरबदल के बाद बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने शनिवार को कहा कि शिवसेना को समझना चाहिए कि अंहकार से सत्ता नहीं मिलती है. स्वतंत्रदेव शनिवार को आगरा कॉलेज में चल रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के 65वें राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने पहुंचे थे.
महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम पर सवालों के जवाब में स्वतंत्रदेव ने कहा कि "वंशवाद, परिवारवाद और पुत्रमोह से भ्रष्टाचार, क्षेत्रवाद और जातिवाद को बढ़ावा मिलता है. शिवसेना से गठबंधन प्रस्तावित था, लेकिन उसका अहंकार आड़े आ गया. अंहकार से सत्ता नहीं मिलती है."
उन्होंने कहा कि "बीजेपी ही इकलौती पार्टी है, जिसमें आम कार्यकर्ता प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री जैसे अहम पदों पर पहुंच सकता है। अजीत पवार बधाई के पात्र हैं। सारा घटनाक्रम विकास और जनता के लिए हुआ है. अब किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कार्य होगा."
एबीवीपी के अधिवेशन में प्रदेश अध्यक्ष के साथ प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल भी मौजूद रहे.
बता दें कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता शरद पवार के भतीजे अजीत पवार के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई.
एनसीपी-शिवसेना दोनों पार्टियों ने साझा प्रेस कांफ्रेंस की. जिसमें शरद पवार ने कहा कि अजित पवार कुछ विधायकों के साथ राजभवन गए थे. मुझे अजित के शपथ लेने की खबर सुबह मिली थी. बीजेपी को समर्थन करने का फैसला अजित पवार ने खुद लिया था. एनसीपी अजित के फैसले के साथ नहीं है.बीजेपी को हमारा समर्थन नहीं है.
शरद पवार ने कहा कि जो विधायक सुबह अजित पवार के साथ राजभवन गए थे, वह अब मेरे साथ हैं. अजित पवार ने 54 विधायकों का समर्थन पत्र दिखाकर झूठी शपथ ली है.
अजित पवार पर कार्रवाई के सवाल पर शरद पवार ने कहा कि इसपर फैसला पार्टी की बैठक में लिया जाएगा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने कहा कि चोरी छिपे सरकार बनाई गई है. देश में लोकतंत्र के नाम पर खेल हो रहा है और सारा देश ये खेल देख रहा है. हमने जनादेश का सम्मान किया है. नई सरकार सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाएगी. बीजेपी लोगों को तोड़ती है और हम लोगों को जोड़ते हैं. उद्धव ने कहा कि हमारी राजनीति टीवी चैनलों पर नहीं होती, शिवसेना जो करती है खुलेआम करती है.
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